बदायूॅं जनमत। भाजपा की सत्ता ने संविधान, लोकतंत्र और देश के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। फासिस्ट आरएसएस-भाजपा से संविधान, लोकतंत्र और देश को कांग्रेस पार्टी बचा सकती है।
उक्त बातें जन राजनीति का लोकप्रिय चेहरा रहे अजीत सिंह यादव ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद आज जारी बयान में कहीं। उन्होंने विगत दिनों लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर कांग्रेस की सदस्यता ली।
वे जल्द जिला कांग्रेस कार्यालय पर पदाधिकारियों से मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी के आंदोलन में गांधीवादी, कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट, अम्बेडकर आदि जनपक्षधर विचार के लोगों ने कांग्रेस के साथ मिलकर काम किया और मुल्क को आजादी दिलाई। आज संविधान, लोकतंत्र और भारत के विचार को फासिस्ट आरएसएस-भाजपा की सत्ता खत्म करने पर आमादा है। ऐसे में संविधान, लोकतंत्र और भारत के विचार को बचाने के लिए आज जरूरत है कि गांधीवादी, कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट, अम्बेडकरवादियों समेत सभी जनपक्षधर विचार के लोग कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर व्यापक जनमत खड़ा करें और भाजपा की तानाशाह सत्ता को शिकस्त दें।
उन्होंने कहा कि वे जनपद समेत उत्तर प्रदेश और मुल्क में कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए काम करेंगे और पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसको पूरी कर्मठता से निभाएंगे।
ज्ञातव्य हो कि अजीत सिंह यादव 2009 में बदायूँ लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
वे 90 के दशक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे और उन्होंने वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के प्रदेश सचिव के बतौर पूरे सूबे में छात्र आंदोलन को नेतृत्व दिया। वामपंथी पार्टी भाकपा (माले) के पूर्ण कालिक कार्यकर्ता के बतौर कई वर्षों उन्होंने सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में आदिवासियों के बीच काम किया। अखिलेन्द्र प्रताप सिंह के साथ भाकपा (माले) छोड़ने के बाद वे लोकतांत्रिक पार्टी खड़ा करने और जन राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय रहे।
उन्होंने योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण के साथ स्वराज अभियान में भी काम किया वे इसकी राष्ट्रीय कार्यसमिति में रहे और जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय सह संयोजक भी रहे। सीएए व एनआरसी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश में गठित कोऑर्डिनेशन कमेटी के सह संयोजक रहे। जिसके संयोजक मैग्सेसे अवार्डी डॉ0 संदीप पांडेय थे। उत्तर प्रदेश की सत्ता से 2022 में भाजपा को हटाने के लिए विभिन्न सामाजिक शक्तियों को एकजुट करने के लिए गठित यूपी डेमोक्रेटिक फोरम के वे प्रदेश कोऑर्डिनेटर रहे।
उन्होंने 2010 में जनपद में प्रधान संघ का गठन किया और पंचायती संस्थाओं, स्थानीय निकायों व प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयासरत रहे। वे छात्र आंदोलन, किसान आंदोलन, सीएए -एनआरसी विरोधी आंदोलन समेत जन आंदोलनों में कई बार जेल जा चुके हैं। अजीत विभिन्न जन राजनीतिक आंदोलनों – संगठनों में विगत 30 वर्षों से लगातार राजनीतिक सक्रियता में हैं। उन्होनें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी, लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए, रुहेलखंड विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एमए किया है और समाजशास्त्र में नेट क्वालिफाइड हैं।