बेदारी ए मिल्लत कॉन्फ्रेंस में मौलाना डॉ यासीन उस्मानी ‘मौलाना कुतुबुद्दीन ब्रह्मचारी‌’ अवार्ड से सम्मानित

उत्तर प्रदेश

बदायूॅं जनमत। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व सामाजिक कार्यकर्ता हाफ़िज़ इरफान की जानिब से सहसवान के नारायण भवन में एक बेदारी ए मिल्लत कॉन्फ्रेंस, (शैक्षिक जागरूकता व नशा विरोधी विचार गोष्ठी) का आयोजन किया गया। जिसमें मेहमान ए ऐजाज़ी मौलाना डॉक्टर यासीन अली उस्मानी सेक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रहे। मेहमान ए खुसुसी डॉक्टर शकील अंसारी, बाबर मियां चेयरमैन सहसवान और हैदर मियां रहे।
महफिल का आगाज क़ुरआने करीम की तिलावत के साथ हजरत कारी फरीदुज़ज़्मा साहब ने किया। कुराने पाक की तिलावत के बाद हम्द पाक हाफिज ज़ाहिर अली साहब ने और नाते रसूल सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम कारी राहत अली साहब ने पढ़ी।
मेहमानों का इस्तकबाल मेजबान हाफिज इरफान और उनके तमाम साथियों ने गुलपोशी और गर्मजोशी के साथ किया। जिला पंचायत सदस्य विजेंद्र यादव ने मेहमान ए ऐजाज़ी मौलाना यासीन अली उस्मानी साहब को चांदी का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया। प्रोग्राम में इमाम हजरात और हफ्फाज़ ए किराम को शाल पहनाकर इस्तकबाल किया गया। हाफिज इरफान ने सहसवान चेयरमैन मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां और उनके भाई मीर हैदर अली के हाथों से मौलाना डॉक्टर यासीन अली उस्मानी साहब को मौलाना कुतुबुद्दीन ब्रह्मचारी‌ अवार्ड पेश किया। हाफ़िज़ इरफान ने हजरत कुतुबुद्दीन ब्रह्मचारी रहमतुल्लाह अलेह कि मुक्तसर सवाने हयात बयान करते हुए कहा के 1350 ई सहसवान में विसाल फरमाया और आपका मजार काजी मोहल्ला जामा मस्जिद के बराबर है। डॉक्टर शकील अंसारी को हाफिज मुश्ताक अहमद खां अवार्ड पेश किया गया। आपके भी हालाते जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा गया कि वक्त अलालत अपने बेटे से नाते नबी ‘मैं सो जाऊं या मुस्तफा कहते कहते, खुले आँख सल्ले अला कहते-कहते’। सुनी और उसी वक्त 20 शव्वाल उल मुकर्रम मुताबिक 20 अक्टूबर 2008 ई. को अपने मालिक ए हकीकी से जा मिले ।
सहसवान के चार विद्यार्थी जिन्होंने इस साल नीट का एग्जाम पास किया जिसमें मुआज़ अंसारी, मेहविश खानम, फराज उद्दीन, समीर अहमद को डॉ मुजीब ने इनाममात पेश करके उनकी हौसला अफजाई की।‌ वहीं फकीर मोहम्मद बेनवा सहसवानी ने इस्तकबालिया नज़्म पेश की।
डॉक्टर शकील अंसारी ने अपने ख्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि हम सब इत्तेफाको इत्तेहाद के साथ रहकर ही अपनी कौम को बेदार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खानकाओं ने हमें अदब तहज़ीब मोहब्बत और भाईचारे का दरस दिया। हमें खानकाओं से सबक हासिल करना चाहिए ।
मीर हैदर अली ने निहायत संजीदगी से आवाम को खिताब करते हुए कहा कि बेदारी ए मिल्लत कांफ्रेंस के जरिए हम अपने अंदर बेदारी पैदा करें, खुद आगे बढ़े और अपने बच्चों को कुरान की तालीम दिलाएं और दुनियावी तालीम से भी आ रास्ता कराएं। उन्होंने कहा कि बहादुर वह है जो अपने नफ्स को काबू में रखें और तफारुकात को दूर करने के लिए अपने रब के हुजूर सजदा किया करे।
मेहमान ए एजा़ज़ी मौलाना डॉक्टर यासीन उस्मानी‌ ने खिताब करते हुए‌‌ कहा कि हमारे नबी करीम सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम ने हमें एक दूसरे के साथ इंसाफ करने का हुकुम दिया है। ऐसा इंसाफ करके दिखाया है‌ कि जिसकी मिसाल नहीं और नहीं मिल सकती और फरमाया कि इल्म को उसकी जरूरत के वक्त जहां भी हो हासिल करो। मौलाना साहब ने बताया कि हमें हर सूरत बेदार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मदरसो में तालीम हासिल करते, मस्जिद में इबादत करते हैं और खानकहों में तज़्किया ए नफ़स किया जाता है। यही मक़ामात हैं जहां से हम अच्छे इंसान बनकर कौम को बेदार कर सकते हैं। कहा कि मुआशरे के नौजवानों में नशे की आदत तेजी से फैल रही है यह कौम के ख़सारे का अहम सबब है। नशा बहुत सारी खुराफत की जड़ है। हमें अपनी क़ौम को यक़ीनी तौर पर इससे बचाना है वरना अंजाम बहतर नहीं होंगे।
मीर हादी अली बाबर मियाँ सहसवान चेयरमैन ने अपने खिताब में वाशिंदगाने सहसवान को खूब मुबारकबाद पेश करते हुए कहा कि हम सब मिलकर अपने नगर के तालीमी इदारों को खूब से खूब मजबूत बनाएंगे और तालिमी मामलात में आपके बच्चों के लिए अगर कोई वक्त दिक्कत पेश आए तो मैं आपके साथ हूं और हर मुमकिन कोशिश करते हुए मदद की जाएगी।
इनके अलावा मोहम्मद इस्लाम, कारी तौसीफ, मुशर्रफ एडवोकेट अंसार हुसैन क़मर जमशेद आदि ने भी संबोधित किया। सदारत अलहाज हाफिज रफीक ने की। ख्वाजा हमीदुद्दीन ने आखिर में मुल्क में अमनों अमन की और मरीजों के लिए के लिए दुआ की। आखिर में हाफिज इरफान, अजमल हुसैन, हाफ़िज़ अब्दुल हादी, मुनाजिर हुसैन, मु इल्यास राजू,‌ मुशाहिद हुसैन पप्पू, मुकर्रम अंसारी और उनके साथियों ने तमाम ही मेहमानों और हाज़रीन का शुक्रिया अदा किया।


इस मौक़े पर हाफिज आरिफ हाफ़िज़ अनीसुर्रहमान हाफ़िज़ असलम क़ारी असलम हाफ़िज़ मुशर्रफ बरकाती हाफ़िज़ शाहिद मोलाना फरीद, मौलाना कलीम, हाफ़िज़ मुशाहिद, हाफ़िज़ कलीम, हाफ़िज़ नदीम, हाफ़िज़ क़य्यूम, हाफ़िज़ आसिफ़, हाफ़िज़ सईद, मौलाना जैनुल अब्दीन, दुर्वेश यादव, बिल्ला यादव, गुलफाम यादव, मनोज माहेश्वरी, शैलेंद्र माहेश्वरी, राजीव आदि लोग मौजूद रहे।   

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