बदायूं में गभ्याई नर्सरी में फल पट्टी विकास योजनान्तर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

उत्तर प्रदेश

बदायूॅं जनमत। ग्राम गभ्याई में स्थित नर्सरी आज सरकार द्वारा चलाये जा रहे फल पट्टी विकास योजनान्तर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्य क्रम का आयोजन किया गया। जिसमे सचिन आर्य कीट विशेषन, जितेन्द्र कुमार शर्मा सेवा निवृत्त उद्यान शिक्षक, देवेंद्र पाल‌ इस्पेक्टर D. H.O., सुनील कुमार, ब्रिटेन सिंह उद्यान बनाए। प्रधान विविधक फल जिसमे आम, अमरूद व आंवला, केला आदि फसलों के बारे में जानकारी दी गयी एवं उनकी होने वाले फायदे एवं नुकसान से अवगत कराया। गुणवत्तायुक्त उत्पादन तथा इस क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु फल पट्टी विकास योजना का लाभ किसानो को मिल सके, उन्होंने बताया कि अमरूद आम केला अमला सरकार ने सब्सिडी का भी प्राबधान रखा है। जुबैर रहमानी ने अपने कुछ निजी आम के बाग़ के सवाल रखे। जिससे वह आम की खेती सही से कर सकें, तभी उन्हें सचिन आर्य कीट विशेषन ने जानकारी दी एवं आम के फलों पर बांधने के लिए पॉलीथिन भी दी। उन्होंने बताया कि इच्छुक कृषकों को योजना के अंतर्गत लाभार्थी चयन हेतु आॅनलाइन पंजीकरण कृषि विकास की वेबसाइट पर कराना होगा।

अनुमन्य सुविधाएँ

हाईटेक नर्सरी की स्थापना (4 हेक्टेयर) पर इकाई लागत रू.100 लाख का 40 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रू. 40 लाख, क्रेडिट लिंक्ड बैक इण्डेड । छोटी नर्सरी की स्थापना (1 हेक्टेयर) पर इकाई लागत रू. 15 लाख का 50 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रू. 7.50 लाख, क्रेडिट लिंक्ड बैंक इण्डेड । टिश्यूकल्चर लैब की स्थापना पर इकाई लागत रू. 250 लाख का 40 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रू. 100 लाख, क्रेडिट लिंक्ड बैक इण्डेड।
शाकभाजी, आलू एवं मसाला बीज उत्पादन की इकाई लागत रू. 35 हजार प्रति हेक्टेयर का 35 प्रतिशत अधिकतम अनुदान रु. 12250/- हेक्टेयर बैक इण्डेड अधिकतम 05 हेक्टेयर तक।
टिश्यूकल्चर केला रोपण के लिए इकाई लागत रू. 102462/- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 40 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 40985/- प्रति हेक्टेयर तथा पपीता रोपण के इकाई लागत 61655/- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 30828/- प्रति हेक्टेयर 02 वर्षों में देय है।
आम उद्यान रोपण के इकाई लगात रू. 25500/- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 12750/- प्रति हेक्टेयर, अमरूद उद्यान रोपण के इकाई लागत रू. 38,340 /- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 19170/- प्रति हेक्टेयर, लीची उद्यान रोपण के इकाई लागत रू. 28,000/- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 14000/- प्रति हेक्टेयर तथा आंवला, किन्नों, सन्तरा रोपण के इकाई लागत रू. 40,008/- प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 50 प्रतिशत अनुदान की दर से रू. 20004 /- प्रति हेक्टेयर 03 वर्षों में देय है।
मसाला कार्यक्रम के अन्तर्गत लहसुन, मिर्च, प्याज एवं हल्दी फसलों के क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिनकी इकाई लागत 30,000/- प्रति हेक्टेयर का 40 प्रतिशत रू. 12000/- प्रति हेक्टेयर अनुदान अनुमन्य है।
पुष्प क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, गेंदा एवं गुलाब के कार्यक्रम संचालित हैं, जिस पर लघु सीमान्त एवं अन्य कृषकों को रू. 10,000 से – 60,000 प्रति हेक्टेयर का अनुदान अनुमन्य है।
बेमौसमी सब्जियों तथा हाई वैल्यू पुष्पों की खेती संरक्षित ढांचे में करने के लिए प्रदेश में ग्रीन हाउस एवं शेड नेट हाउस की स्थापना पर इकाई लागत प्रति वर्ग मीटर रू. 710 से लेकर 1650 तक का 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। एक लाभार्थी को 500 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर तक यानि एक एकड़ तक की सुविधा उपलब्ध है प्रमुख औद्यानिक विकास कार्यक्रमों हेतु अनुमन्य सुविधाएँ मधुमक्खी पालन कार्यक्रम में प्रत्येक लाभार्थी को 50 मौनगृह / मौनवशों सहित एवं सहायक उपकरणों के साथ एक यूनिट की स्थापना करायी जाती है, जिसकी इकाई लागत रु. 2,20,000/- प्रति यूनिट का 40 प्रतिशत रू. 88,000/- अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।

बागवानी में मशीनीकरण –

कार्यक्रम के अन्तर्गत शक्ति चालित मशीनों एवं उपकरणों यथा-20 बीएचपी तक ट्रैक्टर, पावर टिलर, स्प्रेयर आदि पर अनुमन्य लागत के सापेक्ष 25 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक अनुदान देय है। यह धनराशि 20 बीएचपी ट्रैक्टर पर अधिकतम रु. 1.00 लाख तक अनुमन्य है।
मशरूम कार्यक्रम में मशरूम उत्पादन कम्पोस करायी जाती है। मशरूम उत्पादन एवं कम्पोस्ट मेकिंग यूनिट की इकाई लागत रू. 20 लाख प्रति इकाई तथा स्पान यूनिट की इकाई लागत रु. 15 लाख प्रति इकाई का 40 प्रतिशत क्रमशः रू. 8 लाख एवं 6 लाख अनुदान प्रति इकाई अनुमन्य है। पैक हाउस निर्माण, प्याज भण्डार गृह व लो-कॉस्ट प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना पर पूँजी लागत का 50 प्रतिशत, प्राइमरी / मिनिमल प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत, प्री-कूलिंग यूनिट, रिफर वैन, राइपेनिंग चैम्बर की स्थापना पर लागत का 35 प्रतिशत अनुदान क्रेडिट लिंक्ड बैंक इण्डेड के रूप में अनुमन्य है।
नवीन तकनीकी मानकों के अनुसार निर्मित होने वाले शीतगृहों (क्षमता 5000 मी. टन तक) पर परियोजना लागत धनराशि रू. 4 करोड़ का 35 प्रतिशत, अधिकतम धनराशि रू. 1.40 करोड प्रति इकाई क्रेडिट लिंक्ड बैक इण्डेड सब्सिडी के रूप में अनुदान अनुमन्य है।

जैविक खेती

जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से कृषकों के यहाँ वर्मी कम्पोस्ट यूनिट 600 घन फीट (परमानेन्ट स्ट्रक्चर) के इकाई लागत रू. 100000/- पर 50 प्रतिशत धनराशि रू. 50000/- का अनुदान देय है एवं एच०डी०पी०ई० वर्मी बेड स्थापना कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों को रू. 16000/- इकाई लागत के 50 प्रतिशत धनराशि रू.- 8000/- प्रति बेड अनुदान दिया जाता है। फलपट्टी विकास योजना के अन्तर्गत जनपद के आच्छादित विकास खण्डों में कैनोपी प्रबंधन रू. 20000/- प्रति है० आई० पी० एम० रू. 1200/- प्रति है०, पैक हाऊस रू. 200000/-प्रति पैक हाऊस, मशीनीकरण में कुल लागत का 40 से 50 प्रतिशत अनुदान की सुविधा अनुमन्य है तथा इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

परोक्त योजनाओं के लिए आवश्यक कागजात

1. फोटो 2. खतौनी 3. आधार कार्ड 4. बैंक पासबुक की प्रति जिस पर खाता संख्या अंकित हो। उपरोक्त योजनाओं के लिए कृषक विभागीय पोर्टल http://dbt.uphorticulture.in पर
पंजीकरण कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी एवं अनुदान के लिए सम्बंधित जनपद के जिला उद्यान अधिकारी से सम्पर्क करें।

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