परचम कुशाई के साथ चौथा सालाना दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया का आगाज, 200 तलबा की दस्तारबंदी हुई

धार्मिक

बदायूँ जनमत। सुन्नी बरेलवी मुसलमानों के मज़हबी रहनुमा हुजूर ताजुश्श्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अख्तर रज़ा खाँ (अज़हरी मियां) के दो रोजा उर्स-ए-ताजुश्शरिया का आगाज दरगाह ताजुश्शरिया पर अज़हरी परचम लहराने के साथ शुरु हो गया। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खाँ कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती और जमात रज़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां की सदारत व जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फ़रमान मियां की देखरेख में उर्स की रस्म अदा की जाएगी।
जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया सोमवार को फजर की नमाज़ बाद दरगाह पर कुरानख्वानी हुई। दिन भर जायरीनों की हाजरी का सिलसिला चलता रहा। असर की नमाज़ बाद शाम 05 बजे परचमी जुलूस दरगाह ताजुश्शरिया पर पहुंचा। रिवायत के अनुसार पहला परचमी जुलूस आज कोहाड़ापीर मिलन शादी हाल पर क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान के दामाद व जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान (फरमान मियां) की क़यादत में दरगाह ताजुशशरिया पहुँचा। दूसरा परचम मौहम्मद साजिद के निवास आज़म नगर स्थित हरी मस्जिद से निकाला गया। परचमी जुलूस का फूलों से ज़ोरदार स्वागत किया गया। और फिजा में उर्स-ए-ताजुश्शरिया के नारे गूंजने लगे। परचम कुशाई की रस्म के बाद फातिहा और देश में अमन ओ अमान के लिए दुआ की गई। मुख्य कार्यक्रम मदरसा जामियातुर रज़ा में ईशा की नमाज़ के बाद उलमा ए इकराम की तकरीर हुई। उसके बाद मदरसा जामिया रजा से मुफ्ती, फाजिल, हाफिज, कारी, फारिग होने वाले तकरीबन 200 तलबा इकराम की दस्तार बन्दी की गई। रात को 01 बजकर 40 मिनट पर सरकार मुफ्ती आज़म हिंद के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई।
इस मौके पर समरान खान, हाफिज इकराम रज़ा खां, डॉक्टर मेंहदी हसन, शमीम अहमद, मोईन खान, सैय्यद फुरकान मिया, मौलाना निजामुद्दीन, मौलाना आबिद नूरी, मोईन अख्तर, अब्दुल्लाह रज़ा खाँ, अतीक अहमद हश्मती, गुलाम हुसैन, नईम रज़ा तहसीनी, मुर्तजा अजहरी आदि लोग मौजूद रहे।

आज का कार्यक्रम 07 जून बरोज़ मंगल

दरगाह ताजुश्शरिया और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा में बाद नमाज़े फजर कुरान ख्वानी व नात-व-मनकबत की महफिल सजाई जाएगी। फिर हुजूर ताजुश्शरिया के वालिद हुजूर मुफस्सीरे आज़म हिंद इब्राहिम रज़ा खाँ (जिलानी मिया) के कुल शरीफ की रस्म सुबह 07 बजकर 10 मिंट पर अदा की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम मदरसा जामियातुर रज़ा में बाद नमाज़े ज़ोहर नात-व-मनकबत फिर उलमा-ए-इकराम की तरीर होगी। शाम को 07 बजकर 14 मिंट पर हुजूर ताजुश्शरिया मुफ्ती मोहम्मद अख्तर रज़ा खाँ (अज़हरी मियां) का कुल शरीफ होगा। इसी के साथ दो रोज़ा उर्स का समापन हो जाएगा।

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