बदायूॅं जनमत। चार जिलों से होकर बहने वाली 230 किलोमीटर लंबी सोत नदी अपना अस्तित्व खोती जा रही है। जिसको पुनर्जीवित किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। जिले के युवाओं ने इसके लिए आंदोलन चलाया है। जिसको सोत नदी बचाओ अभियान का नाम दिया गया है। इसमें सैकड़ों समाजसेवी, पर्यावरण प्रेमी, छात्र छात्राएं और व्यापारी शामिल हैं। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से इस नदी को जीवित करने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। गुरुवार को आंदोलनकारियों की एक टीम ने जिलाधिकारी मनोज कुमार से मिलकर सोत नदी को गंगा से जुड़वाने की मांग रखी। साथ ही सोत नदी को कब्जामुक्त किए जाने की भी मांग की गई। जिलाधिकारी ने आंदोलनकारियों को जल्द इस पर काम शुरू कराए जाने का भरोसा दिलाया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में सोत नदी का जिक्र किया था और संभल जनपद में इसको पुनर्जीवित करने पर बधाई दी थी। जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे आंदोलनकारियों ने बताया कि सोत नदी जनपद में 120 किलोमीटर बहती है जो कि सिंचाई का प्रमुख श्रोत थी। जबसे यह सूखी है तबसे जल संकट गहराने लगा है। यह गंगा की सहायक नदी है। गिरते जल स्तर से बचने के लिए इस आंदोलन को शुरू किया गया है।
इस अवसर पर मौलाना अफरोज, हामिद अली खान राजपूत, सुमित अग्रवाल, खालिद महमूद, जैनुल आबिदीन, अमित अग्रवाल, आसिफ अली सूफी, सोबान खान आदि शामिल रहे।