बदायूॅं जनमत। विश्व प्रसिद्ध दरगाह आलिया कादरिया पर हज़रत शाह ऐनुल हक अब्दुल मजीद कादरी बदायूंनी रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिवसीय 182वां सालाना उर्स-ए-कादरी जानशीने हुज़ूरताजदारे अहलेसुन्नत साहिबे सज्जादा काजी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां कादरी की सरपरस्ती एवं निगरानी में अदबों एहतिराम के साथ मनाया गया। शुक्रवार को पूरी रात महफिल ए कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस में नातखां एवं उलेमाओं ने तकरीरें पेश कीं। शनिवार सुबह फजर की नमाज़ के बाद कुल शरीफ की फातहा के साथ उर्स का समापन हुआ।
शहर के मोहल्ला चक्कर की सड़क स्थित दरगाह आलिया कादरिया पर तीन दिवसीय चल रहे उर्स-ए-कादरी की आखरी बड़ी महफिल कादरी मजीदी कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार की रात नातिया कलामों की तथा मजहबी तकरीरों की महफिल सजाई गई। नातख्वाओं ने रूहानी व पाकीजा कलाम पेश किए। वहीं पूरी रात अरबी, फारसी, उर्दू तकरीरों का दौर चला।
मुख्य अतिथि के तौर पर मेहमाने खुसूसी इराक के बगदाद शरीफ से आये हुज़ूर गौसे पाक की दरगाह के सज्जादा नशीन नक़ीबुल अशराफ़ हज़रत शेख सैयद अफ़ीफ़ उद्दीन कादरी अल जिलानी व रफीके मिल्लत हज़रत सय्यद नजीब हैदर नूरी सज्जादा नशीन खानकाहे बरकातिया मारहरा शरीफ़ रहे। दोनों मुख्य अतिथि का स्वागत क़ाज़ी ए जिला हजरत अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी और हज़रत मौलाना फ़ज़ले रसूल मोहम्मद अज़्जाम मियां क़ादरी ने किया। वहीं बगदाद शरीफ से आये हुज़ूर गौसे पाक की दरगाह के सज्जादा नशीन नक़ीबुल अशराफ़ हज़रत शेख सैयद अफ़ीफ़ उद्दीन कादरी अल जिलानी ने खुश होकर हज़रत मोहम्मद अतीफ मियां कादरी को अपना जुब्बा मुबारक और अपनी खास शॉल बतौर तोहफा दी गई।
उर्स-ए-कादरी में आवामी अकीदतमंदों के अलावा दूर-दराज से आए हुए जायरीनों की खासी भीड़ मौजूद रही। जिनको क़ाज़ी ए जिला अब्दुल गनी मोहम्मद अतीफ मियां क़ादरी ने दुआओं से नवाजा, साथ ही वतन व कौम की सलामती व खुशहाली कायम रहने के लिए दुआएं खैर की। वहीं हज़रत अज़्ज़ाम मियां कादरी ने कार्यक्रम के दौरान देशभर से आये सभी खनकाह के सज्जादा नशीन का मंच पर स्वागत किया। साथ ही मदरसा आलिया कादरिया के कई तालिब इल्म की दस्तारबंदी की गई। क़ाज़ी ए जिला ने उनके सरों पर फजालत की पगड़ी बांधी।
उर्स के अवसर पर दूरदराज़ से आये ज़ायरीनों के लिए शहीदे बगदाद वेलफेयर फाउंडेशन ट्रस्ट के ज़ेरे एहतिमाम स्वस्थ केम्प भी लगाया गया। जिसमे लोगों को दवाएं मुफ्त में दीं गईं।