बदायूॅं जनमत। जिले की किशोरी समेत सात महिलाओं की हाथरस हादसे में मौत हुई है। वे मनौती पूरी होने की उम्मीद में हाथरस गईं थीं, लेकिन भगदड़ में फंसने से उनकी मौत हो गई। इन सात में एक पिंकी भी हैं, जिनका का मायका जरीफनगर इलाके के गांव करियावैन में है पर ससुराल संभल जिले के गांव उदयभानपुर में है। उनकी मौत की खबर से दोनों जगह के लोग दुखी हैं। इस बीच बिल्सी की किशोरी और महिला का अंतिम संस्कार कछला गंगा घाट पर हुआ है, जबकि चार महिलाओं के अंतिम संस्कार उनके गांव के नजदीकी स्थानों पर कर दिए गए। बिल्सी और बिसौली कस्बे के अलावा पांच गांवों में मातम पसरा हुआ है। महिलाओं के नजदीकी और रिश्तेदार दुख में डूबे हुए हैं। इस हादसे से सभी सन्न हैं।
हाथरस हादसे का शिकार हुईं महिलाओं को उम्मीद थी कि वह जिस आस्था से जुड़ी हैं, उससे कहीं न कहीं उन्हें लाभ पहुंच रहा है। बिसौली कस्बे में मौर्या कॉलोनी निवासी कुसुम पत्नी ज्ञानेश के चार बच्चे हैं। डेढ़ साल का बेटा मानव सबसे छोटा है। परिवार वालों का कहना है कि जब कुसुम के बेटा नहीं हुआ था। तब वह काफी परेशान रहती थी। भोले बाबा के सत्संग में जाना शुरू किया, उसके बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो आस्था बढ़ गई। कुसुम और उसका परिवार भी भोले बाबा से जुड़ गया था।
मंगलवार को कुसुम, उसकी सास रामा देवी, जेठानी गुड्डो देवी, जेठ चिम्मन लाल मौर्य समेत सात लोग ईको कार में सवार होकर गए थे, लेकिन हादसे में कुसुम की मौत हो गई। इसी तरह बिल्सी कस्बा के वार्ड नंबर पांच निवासी रोशनी पुत्री कैलाश, फतेह नगला निवासी वीरवती पत्नी प्रेमपाल और ग्राम गढ़ी निवासी मंगू देवी पत्नी रामनिवास के परिवार वाले भी भोले बाबा से जुड़े थे। वह हर सत्संग में अपने-अपने वाहनों से पहुंचते थे। फिर घर आकर वहां के अनुभव एक-दूसरे से साझा करते थे। तीनों की मौत से उनके परिवार और गांव तक में मातम छाया है।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव लभारी निवासी धर्मवती पत्नी जगपाल भी करीब 20 लोगों के साथ सत्संग में गई थीं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह लौटकर घर नहीं आएंगी। उनके परिवार वाले बेहद परेशान हैं। फैजगंज बेहटा थाना क्षेत्र के गांव ओरछी निवासी कमला देवी पत्नी रूम सिंह भी कई साल से सत्संग में जा रही थीं। उनकी भी इस हादसे में मौत हो गई। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव करियावैन निवासी पिंकी शर्मा पुत्री श्याम बाबू का यहां मायका है। उनकी ससुराल संभल जिले के उदयभानपुर गांव में है। ससुराल वाले उनके शव को अपने घर ले गए हैं। उनकी मौत से दोनों जगह मातम पसरा हुआ है।
भीड़ में फंसने से गई कुसुम की जान…
मौर्या कॉलोनी निवासी कुसुम पत्नी ज्ञानेश कुमार के परिवार वालों का कहना है कि मंगलवार सुबह कुसुम, उसकी सास रामा देवी, जेठानी गुड्डो देवी, जेठ चिम्मन लाल, मनमोहन पुत्र रामस्वरूप, जयश्री पत्नी पप्पू और शांति देवी पत्नी मान सिंह ईको कार में सवार होकर सत्संग में शामिल होने गए थे। जब सभी लोग सत्संग से लौट रहे थे तो कुसुम भीड़ के बीच में फंस गई जबकि अन्य लोग भीड़ के किनारे पर आ गए थे। कुसुम के ऊपर से लोग निकलते चले गए, जिससे उनकी मौत हो गई और वह कुछ नहीं कर पाए।
हाथरस पुलिस ने उनके शव का पोस्टमार्टम कराया। बुधवार सुबह उनका शव कस्बा पहुंचा। इसकी सूचना पर एसडीएम कल्पना जायसवाल, सीओ सुनील कुमार, इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार सिंह और इंस्पेक्टर क्राइम श्याम सिंह उनके आवास पर पहुंचे। एसडीएम ने उनके परिवार वालों को आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया। दोपहर के समय सोत नदी के घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। कुसुम के तीन बेटियां नंदनी, अनन्या, कनक और डेढ़ साल का बेटा मानव है।