यूपी जनमत। हाथरस हादसे पर सीएम योगी ने कहा कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं है। अगर हादसा है तो इसके पीछे कौन जिम्मेदार है। अगर यह हादसा नहीं है तो साजिश किसकी है, इसकी न्यायिक जांच होगी। जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराएंगे। इसका नोटिफिकेशन आज ही जारी हो जाएगा। जांच में जो भी दोषी होगा उसे इसकी सजा देना और दोबारा ऐसी घटना न हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट मिल गई है। उनसे इस घटना के तह तक जाने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि आयोजकों को पूछताछ के लिए बुलाया जाए और दोषी पर कार्रवाई की जाए। वहीं, कथावाचक भोले बाबा का भी बयान आ गया है।
सीएम योगी बुधवार की सुबह घटनास्थल भी गए। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 121 लोगों की मौत हुई है। इसमें यूपी के अलावा एमपी, राजस्थान और हरियाणा से जुड़े थे। यूपी में हाथरस, बदायूं, कासंगज, एटा, ललितपुर, फिरोजाबाद, मथुरा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी 16 जनपदों के लोग हादसे में प्रभावित हुए हैं। 121 में से छह लोग अन्य राज्यों से थे। इनमें एमपी का एक, हरियाणा के चार और राजस्थान के चार लोग हैं।
योगी ने कहा कि हाथरस में 31 लोग घायल हैं। इनका हाथरस, अलीगढ़ और मथुरा के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सभी खतरे से बाहर हैं। घायलों से मेरी बातचीत हुई है और सभी ने बताया कि कार्यक्रम के बाद हादसा हुआ। जब बाबा का काफिला आया था तब उनकी ओर महिलाओं का काफिला बढ़ा तो इसी के बाद सभी एक दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। सेवादार भी धक्का देते रहे। इससे जीटी रोड के दोनों ओर हादसा हुआ। सबसे दुखद पहलू यह था कि सेवादार प्रशासन को अंदर जाने नहीं दिया। प्रारंभिक रूप से इसे दबाने का प्रयास किया। प्रशासन ने जब लोगों को अस्पताल भेजना शुरू किया तो सेवादार वहां से भाग निकले।
सीएम योगी ने भगदड़ में घायल हुए लोगों से हाथरस के जिला अस्पताल में मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने अधिकारियों से मिलकर हाथरस पुलिस लाइन में हालात का जायजा लिया। हाथरस पुलिस लाइन में उनका हेलीकॉप्टर लैंड होने के बाद उन्होंने बैठक की। प्रमुख सचिव मनोज कुमार जीपी प्रशांत कुमार व प्रदेश सरकार के कई मंत्री रात से ही हाथरस में डेरा डाले हुए हैं। अलीगढ़ के पोस्टमार्टम हाउस पर मृतकों का पीएम जारी है। मंगलवार को ही सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सवा लाख से अधिक लोग सत्संग में मौजूद थे। समापन के बाद हर कोई निकलने की जल्दी में था। गर्मी और उमस के कारण श्रद्धालु परेशान थे। इसी बीच बाबा का काफिला निकालने के लिए लोगों को रोका गया। हर कोई बाबा को नजदीक से देखना चाहता था। उनकी गाड़ी की धूल को पाना चाहता था। ऐसे में पीछे से भीड़ का दबाव बढ़ता गया। सड़क के करीब दलदली मिट्टी और गड्ढा होने के कारण आगे मौजूद लोग दबाव नहीं झेल सके और एक के बाद एक गिरते चले गए। खासकर जमीन पर गिरीं महिलाओं व बच्चों के ऊपर से लोग गुजरते चले गए। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। बड़ी संख्या में लोग बेहोश हो गए।