बदायूॅं जनमत। पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश शानो शौकत से मनाई गई। शहर में अमन का पैगाम देते हुए जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया, इसमें हजारों लोग शामिल हुए। जगह-जगह जुलूस का स्वागत हुआ, लंगर तकसीम किया गया।
ईद मिलादुन्नबी पर सुबह नौ बजे जामा मस्जिद शम्सी के सदर दरवाजे से ज़िला क़ाज़ी हजरत अतीफ मियां क़ादरी की कयादत में परचम कुशाई के साथ जुलूस-ए-मोहम्मदी का आगाज हुआ। उनके पीछे छोटी-छोटी टोलियों की शक्ल में हजारों लोगों का काफिला चला। नौजवान नात पढ़ते हुए चल रहे थे। बीच-बीच में इस्लामी नारों की गूंज से माहौल में और भी जोश पैदा हो रहा था। देहात से आए दर्जनों टेंपो, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां, रिक्शा आदि पर सवार लोग हाथों में झंडियां लेकर चल रहे थे। वाहनों पर सवार सजे-धजे बच्चे भी चार चांद लगा रहे थे। जगह-जगह सबीलें लगाई गईं तो लंगर भी तकसीम किया गया।
चौधरी सराय में शाह विलायत गेट पर तकरीर में ज़िला क़ाज़ी हजरत अतीफ मियां क़ादरी ने पैगंबर इस्लाम की शान में बताया कि हमारे नबी किसी एक कौम के नहीं बल्कि सारे आलम के नबी हैं। उन्हें किसी एक कौम के साथ जोड़ना गलत होगा। हमें उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। उनसे सीख लेकर अगर हम आगे बढ़ें तो किसी भी क्षेत्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है।
जुलूस-ए-मोहम्मदी जामा मस्जिद से शुरू होकर मीराजी की चौकी, चक्कर की सड़क, भंडार कुआं, सोथा पुलिस चौकी, छोटे सरकार रोड, चौधरी सराय, नूरी चौक, चौधरी गंज, घंटाघर, कोतवाली पहुंचा। कोतवाली पर हज़रत अज्जाम मियां क़ादरी की तकरीर हुई। तकरीर के बाद जुलूस नागरान होता हुआ जामा मस्जिद पर अपने अंजाम तक पहुंचा। इस दौरान शहर में कई जगह फूलों की बारिश कर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान नगर पालिका ने सफाई व्यवस्था का खास ख्याल रखा।
