अजमेर जनमत। आज दरगाह अजमेर शरीफ में चिश्ती फाउंडेशन के द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय रंग महोत्सव का समापन हुआ। समापन कार्यक्रम में महफिल सजी और कव्वालों ने अपना कलाम पेश किया। इस अवसर पर चिश्ती फाउंडेशन द्वारा देश में ख्वाजा गरीब नवाज़ का मुहब्बत वाला संदेश लेकर काम कर रही संस्था ऑल इण्डिया उलमा मशाईख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी को ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में कलाकार जायरीन और बोर्ड के जिम्मेदार मौजूद रहे। पिछले 6 दिनों से दरगाह शरीफ में चल रहे रंग फेस्टिवल में आए कलाकारों ने अपनी कला की प्रदर्शनी लगाई जिसे लोगों ने सराहा, कला के साथ महफ़िल समा ने संस्कृति और कला का जो संगम पेश किया उसने माहौल को सूफियाना कर दिया और सभी इस रंग में डूबे नज़र आए फेस्टिवल में अवार्ड वितरण के बाद फिर से महफिल सजी और उसके समापन पर दुनिया में शांति के लिए दुआ की गई इस अवसर पर सय्यद अशरफ किछौछवी ने कहा कि मौजूदा हालात में हर तरफ नफरत की आग है और इस आग में देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति झुलस रही है इसे बचाने के लिए सिर्फ एक रास्ता मौजूद है और वही रास्ता सूफियों का है जिसकी हर मंजिल मुहब्बत है। उन्होंने कहा गरीब नवाज़ की बारगाह में जिस तरह भारत दर्शन होता है दरअसल यही विचार सूफियों का है जहां मुहब्बत है वहीं सुकून है और नफरत हमारी बेसुकूनी की वजह, सूफी विचार कुछ अलग नहीं बल्कि का मार्ग है जिस पर चल कर तड़पती इंसानियत का भला मुमकिन है।कला संस्कृति का रिश्ता अनूठा है कला संस्कृति की तर्जुमान है दोनो को अलग अलग नहीं देखा जा सकता।