बदायूॅं जनमत। दस महीने पुराने मामले में 15 दिन की बेटी की हत्या करने की आरोपी मां को एससीएसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश रिंकु जिंदल ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया। न्यायाधीश ने पांच महीने में मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुए सजा सुनाई।
कस्बा जगत निवासी श्रीपाल भारती ने 19 फरवरी 2024 अलापुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी पुत्री प्रियंका की शादी कुड़ेली निवासी विनोद के साथ हुई थी। पुत्री ने 31 जनवरी 2024 को ससुराल कुड़ेली में एक पुत्री को जन्म दिया था। 14 फरवरी को प्रियंका अपने मायके जा रही थी। इसी दिन उसने अपनी 15 दिन की बच्ची को जगत के तालाब में फेंक दिया। लोगों ने तलाश किया तो बच्ची का शव तालाब में उतराता मिला।
श्रीपाल का कहना है कि उसकी बेटी प्रियंका मानसिक अस्वस्थ है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए। मामले में पांच महीने तक सुनवाई चली। पिता ने बेटी को मनोरोगी बताया, लेकिन इसका कोई प्रमाण व इलाज का पर्चा वह अदालत में दाखिल नहीं कर सके। शुक्रवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद दोषी मां को आजीवन कारावास की सुजा सुनाई।