बदायूॅं जनमत। विगत सात दिसंबर को गांव मझिया के बुद्ध विहार में असामाजिक तत्वों ने सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल पर कब्जा करने की नीयत से बौद्ध भिक्षुओं को बाहर निकल दिया था। बौद्ध समुदाय को जब इस घटना का पता चला तो समुदाय के लोगों ने शासन प्रशासन को आठ दिसंबर को ज्ञापन दिया। लेकिन चार दिन तक घटना का प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। जिसके बाद बौद्ध भिक्षुओं ने अपने उपासकों के साथ 12 दिसंबर से मालवीय आवास गृह पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरने के नौंवे दिन मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम ने दोनों पक्षों को अपने आवास पर वार्ता को बुलाया। धरने पर बैठे बुद्धिस्टों की मांगो के समाधान को लेकर लंबी वार्ता चली। वार्ता के बाद चली आ रही स्थिति को कायम रखने का फैसला लिया गया। जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई।
वार्ता के बाद बौद्ध भिक्षुओं ने बुद्ध विहार में प्रवेश किया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व रामेश्वर शाक्य और डॉ. क्रान्ति कुमार ने किया। साथ ही बौद्ध भिक्षु सुमित रत्न महाथेरा, हरिओम सैनी, डॉ मुकेश चंद्र मौर्य, सतपाल मौर्य, शिवराज शाक्य, आरपी त्यागी, चिरंजी लाल एडवोकेट, राधेलाल बौद्ध, बौद्ध भिक्षु विमल बोधी, भंते विनचर्य, रवि मौर्य, जयपाल सिंह, हर्षवर्धन, डॉ.सतीश, चरन सिंह यादव आदि का योगदान रहा। रामेश्वर शाक्य और डॉ. क्रांति कुमार ने संयुक्त रूप से सभी का आभार व्यक्त किया।