चुनाव आयोग का फैसला; अब 12 राज्यों में SIR की डेडलाइन सात दिन बढ़ाई, 11 दिसंबर तक चलेगा पुनरीक्षण

राष्ट्रीय

यूपी जनमत। चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में एसआईआर की डेडलाइन सात दिन बढ़ा दी है। अब मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक चलेगी। पुनरीक्षण की समयसीमा बढ़ाने का एलान करते हुए आयोग ने जो नोटिस जारी किया है, इसके मुताबिक पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची के मसौदे का प्रकाशन 16 दिसंबर को होगा। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाताओं के नाम दर्ज करने के लिए फॉर्म भरे जाने यानी इन्युमरेशन की अवधि 11 दिसंबर तक बढ़ाई गई है।

15 जनवरी तक आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे मतदाता…

आयोग ने मतदान केंद्र यानी पोलिंग बूथों के आवंटन की प्रक्रिया भी 11 दिसंबर तक पूरे कर लिए जाने की बात कही है। 30 नवंबर को जारी शेड्यूल के मुताबिक आयोग ने 12 से 15 दिसंबर के बीच कंट्रोल टेबल तैयार किए जाने की बात कही है। इसी अवधि में सभी 12 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाताओं की मसौदा सूची यानी ड्राफ्ट रोल भी तैयार कर लिए जाएंगे। मतदाता अपनी आपत्तियां 16 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच दर्ज करा सकेंगे।

मतदाता सूची की जांच 10 फरवरी को, इसके बाद आएगी फाइनल वोटर लिस्ट…

चुनाव आयोग ने कहा है कि 16 दिसंबर से सात फरवरी के बीच सभी राज्यों के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) मतदाताओं की आपत्तियों पर सुनवाई करेंगे। इसी अवधि में चुनाव आयोग नोटिस जारी कर मतदाताओं से जवाब भी तलब करेगा। 10 फरवरी को सभी पैमानों पर मतदाता सूची के ड्राफ्ट रोल को परखा जाएगा। इसके बाद आयोग की तरफ से अंतिम सूची के प्रकाशन की अनुमति दी जाएगी।
बिहार से अलग जिन 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया हो रही है, यहां प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। एसआईआर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कराया जा रहा है।मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़े हैं 17 लाख से अधिक कर्मचारी…

50 करोड़ से अधिक मतदाताओं से जुड़ी इस प्रक्रिया को पूरा करने में 12 राज्यों में बूथ स्तर के 5.32 लाख से अधिक कर्मचारी लगाए गए हैं। पांच लाख से अधिक बीएलओ के अलावा राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) भी इस प्रक्रिया से जुड़े हैं। 12.43 लाख से अधिक बीएलए 12 राज्यों में जारी एसआईआर प्रक्रिया से जुड़े हैं।

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