सूफी जी के दो रोज़ा उर्स का कुल से समापन, महफिले मीलाद में हुईं तकरीरें, तीन बच्चों की दस्तारबंदी भी हुई

धार्मिक

बदायूँ जनमत। कस्बा वज़ीरगंज में हजरत सूफी सिब्ते अहमद साहब के दो रोज़ा उर्स शरीफ में क़ुरआन ख्वानी व महफिले मीलाद के बाद रविवार रात्रि को जलसा व सोमवार सुबह 11 बजे से कुल शरीफ के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सरपरस्ती हज़रत अनवर मियां व संचालन नौजवान शायर हिलाल बदायूनी ने किया।
रविवार रात्रि जलसे में अल्लामा मौलाना हज़रत मुफ़्ती मुशर्रफ ने कहा हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज की सीरत को ज़िंदगी में उतारने की ज़रूरत है, इसी से हम निजात पा सकते हैं।
अल्लाह अल्लाह किये जाने से अल्लाह न मिले,
अल्लाह वाले हैं जो अल्लाह से मिला देते हैं।
सगीर बदायूँनी ने कहा
दौरे यज़ीद है ये यक़ीनन ए मोमिनों,
इस दौर को है सख्त जरूरत हुसैन की।
निजामत कर रहे शायर हिलाल बदायूँनी ने कहा 
किस दर्जा खूबसूरत शजरा है सूफी जी का,
शाहजी से शाह वली से रिश्ता है सूफी जी का।
कुल शरीफ के कार्यक्रम में सोमवार ग्यारह बजे सूफी जी के आवास से सरकारी चादर पेश की गई। इसके बाद महफिले मीलाद ख्वानी में तक़रीर हुई जिसके बाद सलाम पेश किया गया। कार्यक्रम के मेहमाने खुसूसी हज़रत अनवर मियां हुज़ूर ने कुल की फातिहा के बाद मुल्क में अमन चैन व हाजरीन के लिए मखसूस दुआ फरमाई। महफ़िल मे हाफ़िज़ अबरार अहमद, आले अहमद ज़ौक़, सलीम दानिश, हाफ़िज़ जीशान, सरफ़राज़ हवारी, नन्ने बाबू, गयूर मुश्फिक आदि ने भी अपना कलाम पेश किया। फातिहा के तबर्रुकात के बाद लंगर तकसीम किया गया। इस मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे। उर्स शरीफ के समापन पर सूफी साहब के साहबजादगान क़मरुज़्ज़मा शम्सुज्ज़मा व रफ़ीउज्ज़मा एडवोकेट ने सभी का आभार व्यक्त किया।

मियां ने की दस्तार बंदी….

सूफी साहब की दरगाह पर मदरसा ज़ियाउल उलूम में पड़ रहे बच्चों में से तीन बच्चों ने हिफ़्ज़ मुक़म्म किया जिनकी दस्तार बंदी अनवर मियां हुज़ूर ने फ़रमाई और उनको सनद व क़ुरआन पेश किया। हिफ़्ज़ मुकम्मल करने वालों में हाफ़िज़ मुईन, हाफ़िज़ दानिश, हफ़िज़ा शगुफ्ता ने ये सनद व सम्मान हासिल किया। इन बच्चों ने मस्जिद रफीकुल औलिया के इमाम हाफ़िज़ अबरार अहमद की सरपरस्ती में क़ुरआन मुकम्मल किया।

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