साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को विस्तार से सुनाया

धार्मिक

बदायूॅं जनमत। कस्बा उसहैत में सोतनदी पुल हनुमान जी मंदिर के पास जिंद बाबा मंदिर पर साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के आज चौथे दिन कथावाचक शिवकुमार त्रिपाठी द्वारा विश्वामित्र जी द्वारा राम-लक्ष्मण को यज्ञ में ले जाना, ताड़का सुबाहु बध, मारीच को सौ योजन दूर फेंक देना, अहिल्या जी उद्धार, जनक जी के यहां धनुष यज्ञ में सीता राम विवाह को बडे सुन्दर ढंग से विस्तार से वर्णन किया। श्रोता भाव विभोर हो गये। आगे चारों वधुओं का अयोध्या में आगमन की विस्तार से कथा सुनाई।
कथा में आगे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को विस्तार से किस तरह राजा कंश ने अपनी बहन व बहनोई को कारागार में डाल दिया। किस प्रकार कंश ने देवकी के छः संतानों की हत्या कर दी, सातवें गर्भ को माता रोहणी के गर्भ में स्थापित करने और आठवीं सन्तान जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो सारे पहरेदार सो गये‌। सारे बंन्धन टूट गये, बासुदेव ने नन्द बाबा के घर छोड आये।
कथा प्रबंधक अर्चित पाठक द्वारा अवगत कराया गया कि कल व्यास जी गोबर्धन पूजा व श्रीकृष्ण की अन्य बाल लीलाओं वाचन करेगें। उन्होंने सभी क्षेत्रवासियों से करवद्ध प्रार्थना की कि समय पर कथा स्थल पहुच कर कथा का आनन्द लें। कथा दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक चलेगी।     

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