अजीत की पहल: गंगा एक्सप्रेस वे के गड्ढों में डूबने से बच्चों की मौत के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दर्ज किया केस

उत्तर प्रदेश

बदायूँ जनमत। बच्चों की मौत की जिम्मेदारी प्रदेश की योगी सरकार को लेनी चाहिए और दोषियों पर कार्यवाही के साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।
उक्त बातें आज यहां जारी बयान में कांग्रेस नेता अजीत सिंह यादव ने कहीं। उन्होनें बताया कि जनपद में गंगा एक्सप्रेस वे के गड्ढों में भरे बारिश के पानी में डूबकर बच्चों की मौत के मामलों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 03 जुलाई को केस दर्ज कर लिया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कांग्रेस नेता अजीत सिंह यादव को ईमेल के जरिये जानकारी दी है कि उनकी शिकायत के आधार पर उघैती थानाक्षेत्र के गाँव ऐपुरा के बच्चों फुरकान और आमीन की डूबकर हुई मौत के मामले पर 03 जुलाई को डायरी नम्बर 10770/IN/2023 पर आयोग ने केस दर्ज किया गया है।
दातागंज कोतवाली क्षेत्र के गाँव डहरपुर निवासी रंजीत की मौत के मामले में 03 जुलाई को डायरी नंबर 10782/IN/2023 पर आयोग ने केस दर्ज किया है।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव नसरौल निवासी रूपेश पुत्र बुद्धसेन की मौत के मामले पर 03 जुलाई को डायरी नंबर 10779/IN/2023 पर आयोग ने केस दर्ज किया है।
कांग्रेस नेता अजीत सिंह यादव ने बताया कि शिकायत में कहा गया है कि मेरठ से प्रयागराज तक बनाये जा रहे गंगा एक्सप्रेस वे का एक हिस्सा जनपद में आता है। गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जनपद में मानक से ज्यादा गहरे गड्ढे खोदे गये हैं। लगातार बारिश की बजह से गहरे गड्ढों में पानी भर गया है जिनमें डूबने से मौतें हो रही हैं। गंगा एक्सप्रेस वे निर्माण से संबंधित अधिकारियों -कर्मचारियों व एजेंसी की यह लापरवाही आपराधिक है।संबंधित अधिकारियों – कर्मचारियों व निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण मृतक बच्चों और उनके परिवार के मानव अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में ऐसी जानलेवा खामियों पर निगरानी रखने में सरकारी तंत्र विफल रहा है।
श्री यादव ने कार्यदायी संस्था आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लि0 एवम उत्तर प्रदेश सरकार की ओर जिम्मेदार यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेन्ट ऑथारिटी (यूपीडा) के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है।
दोषी अधिकारियों -कर्मचारियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने । गंगा एक्सप्रेस वे की संबंधित निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर काम से हटाने और पीड़ित परिवारों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
श्री यादव ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जनपद में मानक से ज्यादा गहरे गड्ढे खोदे गये हैं। लगातार बारिश की बजह से गहरे गड्ढों में पानी भर गया है जिनमें डूबने से मौतें हो रही हैं। एक्सप्रेस वे निर्माण से संबंधित अधिकारियों -कर्मचारियों व एजेंसी की यह लापरवाही आपराधिक है।


उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मानवाधिकार आयोग बच्चों की मौतों के मामलों में दोषियों को दंडित करेगा और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।

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