लखनऊ जनमत। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के 11 सदस्यों का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। इन 11 सीट के लिए दस जून को होने वाले चुनाव के लिए आज राज्यसभा के लिए सपा उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस नेता रहे कपिल सिब्बल ने नामांकन किया। इस दौरान उनके साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव मौजूद रहे।
कपिल सिब्बल के बाद जावेद अली भी सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने के लिए विधानभवन के सेंट्रल हाल में पहुंचे। इस दौरान उनके साथ प्रो. रामगोपाल यादव और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल मौजूद रहे।
विधानभवन के सेंट्रल हाल में कपिल सिब्बल ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए नामांकन किया। नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का नेता था, लेकिन अब नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मैंने सपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया है। मैं कांग्रेस की सदस्यता से 16 तारीख को इस्तीफा दे चुका हूं। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार भी जताया। कपिल सिब्बल ने कहा 2024 को लेकर हम सब एक साथ आ रहे हैं। हम एक साथ केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे। सब एक साथ मिलकर जनता के बीच बात रखेंगे। आजम खान के बारे में सवाल पूछने पर कपिल सिब्बल बोले कि ये आप आप उन्हीं से पूछ लीजिए। इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव भी उपस्थित थे। अखिलेश ने सिर्फ इतना कहा कि हमारे तीनों प्रत्याशी बारी-बारी से आकर नामांकन करेंगे।
नामांकन करने से पहले कपिल सिब्बल सपा मुखिया से मुलाकात करने के लिए समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे। इसके बाद कपिल सिब्बल ने नामांकन दाखिल किया। बता दें कि आज सपा के तीन उम्मीदवारों को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करना था। जिसमें से एक नाम कांग्रेस नेता रहे कपिल सिब्बल का भी था। डिम्पल यादव और जावेद अली खान भी आज राज्यसभा के लिए नामांकन कर सकते हैं।
बता दें कि समाजवादी पार्टी मे अब तक 5 नामों पर गंभीर चर्चा हो रही थी। जिसमें कपिल सिब्बल, जयंत चौधरी, डिंपल यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी व जावेद अली खान के नामों पर पार्टी विचार कर रही थी। इसके लिए मंगलवार को पांच नामांकन पत्र भी खरीदे गए थे। पार्टी डिंपल यादव को आजमगढ़ से उप चुनाव भी लड़ाने की तैयारी में थी। अब उनके स्थान पर किसी और मजबूत यादव नेता को उतार सकती है। हो सकता है, वो नेता यादव परिवार से भी हो।
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी दस जून को होने वाले चुनाव के लिए 31 मई तक नामांकन होगा। इसके बाद एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद पात्र प्रत्याशियों को उच्च सदन में भेजने के लिए दस जून से सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। दस जून की शाम को ही पांच बजे तक परिणाम आ जाएगा।
राज्यसभा की 11 में से सात पर तो भाजपा की जीत तय है। भाजपा आठवीं सीट के लिए भी प्रयास करेगा। इसके साथ ही संख्या बल के हिसाब से समाजवादी पार्टी को भी तीन सीट आराम से मिलेगी। सपा ने राज्यसभा के लिए जो पांच नाम सोचे हैं उनमें रालोद प्रमुख जयंत चौधरी का नाम भी शामिल है।
राज्यसभा में 100 सीट के कोटे में उत्तर प्रदेश से कुल 31 सदस्य चुने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के जिन 11 सदस्यों का कार्यकाल चार जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है, उनमें भाजपा के पांच, समाजवादी पार्टी (सपा) के तीन, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो व कांग्रेस के एक सदस्य शामिल हैं।
विधानसभा में 403 विधायकों में भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल सपा गठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 125 है। राज्यसभा की प्रत्येक सीट के लिए कम से कम 37 विधायकों के वोट जरूरी हैं। इस हिसाब से भाजपा गठबंधन सात सीटों पर आसानी से जीत जाएगा। इसके बाद भी भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के 14 वोट बच जाएंगे। 11 में से तीन सीटों पर सपा गठबंधन की जीत पक्की है। उसके पास भी 14 वोट बच जाएंगे। ऐसे में असल मुकाबला 11वीं सीट के लिए होना है, जिसके लिए इन दोनों ही दलों को जीत दर्ज करने के लिए बाकी दलों का समर्थन लेना होगा।
उच्च सदन में इस बार उत्तर प्रदेश से बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा। विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस को 403 में से दो तथा बहुजन समाज पार्टी को सिर्फ एक पर ही जीत मिली है।