बदायूॅं जनमत। पॉवर कॉरपोरेशन के दफ्तर पर धरना दे रहे संविदा कर्मियों ने अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार पर प्रदर्शनकारियों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जानबूझकर ऐसा किया गया। ग़नीमत रही कि इससे किसी को चोट नहीं पहुंची। एक कर्मचारी को खरोंच आई है। अधीक्षण अभियंता ने इस आरोप को सिरे से नकारा है।
पॉवर कारपोरेशन के संविदा कर्मियों ने मानदेय व पीएफ की मांग समेत अन्य समस्याओं के विरोध में 11 अगस्त से धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। इस बीच अफसरों से कर्मचारी नेताओं की वार्ता हुई, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। नतीजतन शुक्रवार को कर्मचारी अधीक्षण अभियंता दफ्तर के बाहर दरी बिछाकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इसी बीच अधीक्षण अभियंता वहां अपनी कार से पहुंचे थे। कर्मचारियों का आरोप है कि एसई ने उन्हें कार से रौंदने की कोशिश की। हालांकि वे बच निकले। एक कर्मचारी को हल्की खरोंच भी आई है।
इसके बाद आंदोलन उग्र हो गया और वहां जमकर नारेबाजी शुरू कर दी गई। मामले की जानकारी पर पुलिस भी पॉवर कारपोरेशन के दफ्तर जा पहुंची और किसी तरह कर्मचारियों को शांत किया। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि पिछले दिनों ही काम न करने वाले तीन संविदा कर्मियों को निकाला गया है। इसी बात पर संविदा कर्मी बौखलाए हुए हैं। उनकी जायज मांगें पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि कर्मचारियों पर कार चढ़ाने का आरोप निराधार है।