बदायूँ जनमत। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक स्व0 बालेश्वर लाल की 35वीं पुण्यतिथि पत्रकारिता दिवस के रूप में धूमधाम से मनाई गई। वक्ताओं ने मौजूदा दौर में पत्रकारिता की छवि को होने वाले नुकसान पर चिंता जताई।
बिसौली के सांई विहार कालोनी स्थित होटल मधुवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सीओ शक्ति सिंह, विशिष्ट अतिथि इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुप्ता, एसोसिएशन के जिला महामंत्री मुकेश वशिष्ठ आदि ने स्व0 बालेश्वर लाल के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर नमन किया। सीओ श्री सिंह ने कहा कि स्वच्छ पत्रकारिता के जरिए प्रशासन को अपनी गलतियां सुधारने का मौका मिलता है। कोतवाल बिजेन्द्र सिंह ने पत्रकारों को पूरा सम्मान देने की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुप्ता ने कहा कि बीते एक दशक के दौरान पत्रकारिता के तौर तरीके में बदलाव सकारात्मक भी हैं और नकारात्मक भी। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला महामंत्री मुकेश वशिष्ठ ने कहा कि सीनियर पत्रकारों को धारा के विपरीत चलने वाले कुछ युवा साथियों को भटकने से बचाने आगे आना होगा। प्रमोद मिश्रा ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि पत्रकार जो लिखता है वही समाज पढ़ता है। इसलिए हमें समाज की भलाई के लिए ही अपनी कलम का इस्तेमाल करना चाहिए। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार रामबाबू गुप्ता, राजीव गुप्ता, सुधाकर शर्मा फौजी, सचिन जौहरी, आकांक्षा शर्मा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर हृदेश तिवारी, प्रवीण कुमार गुप्ता, आईएम खान, चंद्रपाल शर्मा, सुनील मिश्रा, विपिन तिवारी बंटू, आशीष तिवारी, पुनीत शाक्य, जयसिंह सागर, गौतम कुमार, नीरज प्रधान, महबूब खान, विक्रम सिंह, सौरभ कुमार, विजय पाल सिंह, दानवीर सिंह, विनय मिश्रा, पवन मिश्रा, शिवओम हरि मिश्रा, मुनेन्द्र शर्मा, नीलेश मिश्रा, हर्षित शर्मा, दुर्गेश ठाकुर आदि पत्रकार प्रमुखता से मौजूद रहे।

बिसौली। नगर निवासी युवा कवियित्री व पत्रकार आकांक्षा शर्मा के छोेटे से उद्बोधन ने अतिथियों, वरिष्ठ पत्रकारों समेत उपस्थित सभी पत्रकारों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के बाकी तीनों स्तम्भ पत्रकारिता रूपी चौथे स्तम्भ पर आधारित हैं। पत्रकारिता के स्तम्भ को जो स्वतंत्रता मिली है वह सभी को प्राप्त नहीं है। आकांक्षा ने कहा कि शक्ति का प्रयोग डराने के लिए नहीं बल्कि डर भगाने के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबू बालेश्वर जी की पुण्यतिथि पर हम सभी संकल्पित हों कि कुछ ऐसा किया जाए जो लोग अच्छाई के लिए हमें याद करें। आकांक्षा की दो पंक्तियों को जमकर सराहा गया-
’जो खुद को खुद पर खर्च करते हैं,
लेग उन्हें ही गूगल पर सर्च करते हैं।’