बदायूॅं जनमत। जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने से उसहैत के गांव बछौरा में कटान तेज हो गया है। गांव की मुख्य सड़क कट जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वहीं शुक्रवार को गंगा के जलस्तर में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई तो वहीं रामगंगा के जलस्तर में गिरावट आई। गंगा नदी में नरौरा बैराज से 3.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
बाढ़ का असर सबसे ज्यादा सहसवान और दातागंज तहसील में होता है। इस बार भी बाढ़ का प्रकोप सहसवान समेत दातागंज तहसील के कई इलाकों में अब तक जारी है। गंगा और रामगंगा के जलस्तर में उतार चढ़ाव होने के कारण स्थितियां सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई। बृहस्पतिवार को गंगा का जलस्तर जहां 162.72 मीटर रहा था, जो शुक्रवार को 162.77 मीटर हो गया।
गंगा का जलस्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा असर दातागंज तहसील के उसहैत क्षेत्र के गांव बछौरा पर पड़ा है। यहां गंगा ने कटान तेज कर दिया है तो गांव को आने वाला मुख्य रास्ता बाढ़ के पानी में बह चुका है। अब यहां ग्रामीणों ने मिट्टी डालकर रास्ता बना लिया है, लेकिन उन्हें आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गांव के अजय, संजेश आदि ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी के कारण रास्ते पर काफी कीचड़ फैल गई है, जिससे फिसलने का खतरा बना हुआ है। इधर क्षेत्र के गांव कमलेनगला, बेहटी के ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। यहां के लोग काफी समय से दूसरे स्थानों पर रह रहे हैं। गनीमत ये है कि हल्के बुखार के अलावा यहां कोई बीमारी अभी तक नहीं फैली है। हालांकि गांव वालों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें यहां नहीं पहुंच रही हैं।
शुक्रवार को छोड़ा गया पानी…
नरौरा- 3,17,158 क्यूसेक
बिजनौर- 1,41,351 क्यूसेक
हरिद्वार- 1,33,290 क्यूसेक