लखनऊ जनमत। ईको गार्डन में डायल-112 की लडकियों के रजाई-गद्दे पुलिस उठा ले गई। लड़कियों ने वीडियो जारी किए हैं। वहीं, लखनऊ में बारिश होने से लड़कियों को बाथरूम में शरण लेनी पड़ी थी। शनिवार तड़के चार बजे बारिश शुरू होने पर खुले आसमान के नीचे बैठी लड़कियों में बाथरूम में अपना धरना जारी रखा। वेतन वृद्धि, छुट्टी और जॉब सिक्योरिटी के लिए वह धरने पर बैठी हैं। इससे पहले शुक्रवार शाम धरना वाली जगह ही लड़कियों ने रंगोली बनाई और दीये जलाकर धनतेरस मनाया। अखिलेश ने लड़कियों के दीये जलाने का वीडियो शेयर कर लिखा- ये अपना वायदा है। हम भी तेरे संघर्ष में एक दीया जलाएंगे। कुछ लड़कियों ने वीडियो जारी करके आरोप लगाए हैं कि प्रशासन के अफसर सीएम योगी को गुमराह कर रहे हैं कि लड़कियां मुख्यमंत्री से मिलना नहीं चाहती। लड़कियों ने कहा कि योगी जी, आप ही हमारी समस्या को सुन सकते हैं। हम आपसे मिलना चाहती हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार शाम लड़कियों के धनतेरस मनाने का एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में दिख रहा कि 25-30 लड़कियां रंगोली बनाकर और दीये जलाकर बैठी हैं। ‘सेव गर्ल्स’ और डायल-112 की थीम पर दीये और कलर से रंगोली बनाई हैं। 40 सेकेंड का ये वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर अखिलेश ने लिखा…
आशाओं के दीप जलाये आज यहां जो बैठे हैं उनसे वादा है ये अपना हम भी तेरे संघर्ष में एक दीया जलाएंगे हरदम साथ निभाएंगे!
यूपी-112 की कॉल टेकर का कहना है कि हम लोग धरना तभी खत्म करेंगे, जब हमारी मांगें पूरी होंगी। हम लोग 18 हजार से कम वेतन पर काम पर नहीं लौटेंगे। पानी और सर्दी उनके इरादों को कमजोर नहीं कर सकते हैं। अगर पुलिस बाथरूम में बैठकर धरना नहीं देने देगी तो बरसात में बैठकर धरना जारी रखेंगे। धरने के दौरान गुरुवार और शुक्रवार को दो कॉल टेकर की तबीयत भी बिगड़ी, लेकिन वह अस्पताल में ग्लूकोस चढ़वाने के बाद फिर धरने पर लौट आईं। सरकार और प्रशासन के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ उनकी मांग पूरी न होने तक जंग जारी रहेगी।
UP-112 में सभी महिला कर्मचारी ही कॉल रिसीव कर लोगों तक पुलिस की मदद पहुंचाने का काम करती हैं। हालांकि इनकी नौकरी परमानेंट नहीं है। प्राइवेट कंपनियों को टेंडर दिया जाता है। वो प्राइवेट कंपनियां फिर कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर लोगों को काम पर रखती हैं। पिछले 5 साल से MDSL/टेक महिंद्रा के पास ये टेंडर था जो 2 नवंबर को एक्सपायर हो गया। पांच साल तक इन महिलाओं को 12,000 रुपए महीना सैलरी मिलती रही। जिसमें 10,000 रुपए महीने इन-हैंड मिलता था। टेक महिंद्रा का टेंडर एक्सपायर होने के बाद VWin नाम की कंपनी को ये टेंडर दिया गया। महिला कर्मचारियों का कहना है कि नई कंपनी को टेंडर देकर सरकार ने उनके साथ नाइंसाफी की है। नई कंपनी ने उन्हें कोई कॉन्ट्रैक्ट या ऑफर लेटर नहीं दिया है। इस लिहाज से उनके पास कोई प्रूफ नहीं है कि वो UP-112 में काम करती हैं। कर्मचारियों ने कहा कि ऑफिस में ऑफर लेटर की मांग करने पर उन्हें नौकरी से निकालने और नए लोगों की भर्ती करने की धमकी दी जाती है। शिफ्ट के घंटों से इतर काम करवाया जा रहा है। इसके साथ ही पिछले पांच सालों से उनकी सैलरी भी नहीं बढ़ाई गई है। उन्हें उम्मीद थी कि कॉन्ट्रैक्ट नया बनने पर सैलरी बढ़ाई जाएगी। महिलाओं का कहना है कि उन्हें त्योहारों या नेशनल हॉलीडे वाले दिन पर भी छुट्टी नहीं दी जाती। कई बार हफ्ते का एक वीक ऑफ भी कैंसिल कर दिया जाता है। दिवाली पर कोई बोनस नहीं मिलता। इन्हीं सब चीजों के खिलाफ महिला कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रही हैं। धरना दे रहीं 205 लड़कियों पर FIR दर्ज हो चुकी है। बुधवार को ये FIR लड़कियों के खिलाफ नौकरी से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पर दर्ज किया गया। इनमें 5 लड़कियां नामजद जबकि 150-200 अज्ञात हैं। इनके खिलाफ बलवा, रास्ता रोकना, इमरजेंसी सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों का उल्लंघन करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा हुआ है। सिर्फ हमारे ऊपर मुकदमा नहीं होना चाहिए। एक मुकदमा तो पुलिस पर भी होना चाहिए। एसपी को भी सस्पेंड करना चाहिए। एसपी ने महिला को कैसे पकड़ा। वीडियो में साफ दिख रहा है। आप सोचिए, हम पुलिस को सेफ करते हैं, आम जनता आरोप लगाती है पुलिस पैसे लेती है, हम कहते हैं ऐसा नहीं है। आज वहीं पुलिस हमे मार रही है। हमारे सामने बैठकर खाना खा रही है, हम लोग भूखे हैं। हमारी मांगे क्या इतनी बड़ी है? सिर्फ सैलरी बढ़ाने के लिए ही तो कह रहे हैं।’ महिला कर्मचारी का ये दर्द लखनऊ में 205 लड़कियों पर FIR दर्ज होने के बाद सामने आया।