बदायूॅं जनमत। एक तरफ केद्र व प्रदेश की सरकारें कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए प्रदेशों में अभियान चला रही हैं। किसी भी प्रदेश व जिले में अदालत की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। उसका पालन करने के लिए उत्तर प्रदेश व आसपास के प्रदेशों में प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। धार्मिक स्थानों के आसपास किसी राजनैतिक दल के फ्लेस नहीं लगने चाहिए। मगर जिले के अपसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य मनोज मसीह ने अपने दो पुत्रो के साथ भगवान गौरी शंकर मंदिर की दीवार पर फ्लेस लगाकर अदालत के आदेशों की खुली अवहेलना की है। बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद धार्मिक स्थलों फ्लेक्स और डिजिटल होर्डिंग शहर में लगाए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दलों, धार्मिक, जाति व सामुदायिक मंचों और संगठनों को पूरे राज्य में मुख्य सड़कों, प्लेटफार्मों, पैदल मार्गों या किसी अन्य सड़क के दोनों ओर डिजिटल बैनर या तख्तियां लगाने पर रोक लगाई जाएं। लेकिन फिलहाल उसावां रोड़ पर स्थित गौरी शंकर मंदिर पर मनोज मसीह का फ्लैक्सी बोर्ड लगा हुआ है। जिसे एक्स हेंडिल (ट्वीटर) पर ट्वीट कर लोगों ने आपत्ति जताई है। मगर अभी तक कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई है।
भाजपा नेता मनोज मसीह ने शनिवार को क्रिसमस डे के अवसर पर फ्लेक्स बोर्ड लगाकर पार्टी के प्रति अपनी वफादारी प्रदर्शित के लिए फ्लेसी बोर्ड लगाकर आदेशों की खुली चुनौती दी है। मामले की शिकायत सामाजसेवी आसू ने ट्वीटर पर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका से जांच कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के नियमों की नहीं जानकारी…
नगर पालिका परिषद के ईओ ने इस संबंध में कहा कि हमारे पास धार्मिक स्थानों से फ्लेस हटाने का आदेश नहीं है। फिर भी जांच कराते हैं।