बदायूॅं जनमत। इस्लामी महीने के मुताबिक 13 रजब को चौथे खलीफ़ा हज़रत अली शेरे खुदा की यौमे विलादत (जन्मदिन) के मौके पर कस्बा सैदपुर में जगह जगह फातिहांख्वानी की गई। इसके साथ ही मस्जिदों में महफ़िल सजाकर हज़रत अली के जीवन पर विस्तार से जानकारी दी गई। सलातो सलाम पेश किया गये।
गुरुवार को चौथे खलीफ़ा हज़रत अली के जन्मदिन पर सैदपुर के मोहल्ला कुरेशियान नूरी चौक पर अंजुमन रजाए मुस्तफ़ा के सदर ज़ाहिद हुसैन के आवास पर एक महफ़िल का आयोजन किया गया। जिसका आग़ाज़ कलामे इलाही से हाफिज़ नाहिद हुसैन ने किया। वही हाफिज़ रिज़वान ने अपने बयान में बताया कि हज़रत अली वह पहले व्यक्ति थे जिनका जन्म मुस्लिम समुदाय के सबसे पवित्र स्थान काबा शरीफ़ में हुआ था। हज़रत अली का जन्म उत्सव इस्लाम धर्म के लोग बहुत ही शान शौकत के साथ से मनाते हैं। हज़रत अली शेरे खुदा दमादे रसूल हैं। बीबी फ़ातिमा के शौहर और हज़रत इमाम हसन व हुसैन के वालिद (पिता) हैं। हमें अल्लाह के नेक बन्दों से मुहब्बत करनी चाहिए, नमाज़ की पाबंदी करो और बुरे कामों से बचो। सलातो सलाम पेश कर फातिहांख्वानी के बाद मुल्क व कौम की खुशहाली के लिए दुआ की गई। शीरीनी के तौर पर फल, हलवा, तस्कीम किया गया।
इस मौके पर जाहिद हुसैन, इमरान, बादशाह, अकबर हुसैन, कासिम अजहरी, मुo हुसैन, मुजीब कुरैशी, एस एच कुरैशी आदि मौजूद रहे। इसके साथ ही खजूरी मस्जिद, नूरे इलाही मस्जिद में महफ़िल का आयोजन किया गया।