यूपी जनमत। डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क की पॉपुरैलिटी को देखते हुए प्रशासन ने चौधरी सराय चौराह से कब्रिस्तान से करीब 4 किमी तक रूट डायवर्ट कर दिया था। सिर्फ VIP वाहनों की एंट्री थी। बर्क के आखिरी दर्शन में 60 हजार से ज्यादा लोग जुटे। जब उनका जनाजा कब्रिस्तान के लिए रवाना हुआ, तो 4 किलोमीटर तक पैर रखने की जगह नहीं थी। महिलाएं-बच्चों ने छतों पर चढ़कर उनके अंतिम दर्शन किए।
94 साल के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का मंगलवार को निधन हुआ था। 20 दिन पहले किडनी में इन्फेक्शन बढ़ने के बाद उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। मंगलवार सुबह 9 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा। करीब 9.45 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को संभल के बैंक्वेट हॉल लाया गया।
1967 में लड़ा था पहला चुनाव…
डाॅ. शफीकुर्रहमान बर्क ने 1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा था लेकिन जीत नहीं मिली थी। 1969 में भी स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ने पर वह पराजित हुए थे। 1974 में भारतीय क्रांतिदल (बीकेडी) से चुनाव लड़कर वह पहली बार विधायक चुने गए थे।
1996 में सपा के टिकट पर पहली बार मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़े और जीत हासिल की थी। इसके बाद मुरादाबाद से ही दो बार और सांसद रहे। फिर संभल से दो बार सांसद चुने गए।
अच्छा और अनुभवी नेता खो दिया- चंद्रशेखर आजाद
रात में पार्थिव शरीर को नहलाने के लिए घर ले गए थे। इसके बाद फिर से बैंक्वेट हॉल लेकर आए थे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रेशखर आजाद और सपा नेता धर्मेंद्र यादव, एचटी हसन, पिंकी यादव और बर्क की ख़िलाफत करने वाले संभल विधायक इकबाल महमूद भी पहुंचे थे। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क इस क्षेत्र के नहीं, बल्कि देशभर की मजबूत आवाज थे। उनका जाना हम सबके लिए बहुत दुखदाई है। इस क्षति की पूर्ति नहीं हो सकती है। हमने एक अच्छा और अनुभवी नेता खो दिया।
धर्मेंद्र यादव ने कहा- बर्क साहब का जाना एक युग का अंत
सपा नेता व पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि बर्क साहब का जाना एक युग का अंत है। डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क साहब अपने स्वभाव, तेवर, ईमानदारी, खुद्दारी, सच्चाई और इस उम्र में भी सक्रियता की एक मिशाल थे। जनता की बात को इतनी बेबाकी के साथ उठाने वाला कोई शख्स नहीं मिलेगा।
जब मुलायम के लिए संभल छोड़कर मुरादाबाद से लड़ा था चुनाव
डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने साल 1998 में संभल लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव को चुनाव लड़ाया था, जबकि वह खुद मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। मुलायम सिंह यादव को उस चुनाव में 3,76,828 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी डीपी यादव को 2,10,146 मत मिले थे। मुलायम सिंह यादव ने डीपी यादव को 1,66,682 मतों से हराकर रिकार्ड जीत हासिल की थी।
इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी परमेश्वर लाल सैनी को 1,74,826 मतों से हराकर मुलायम सिंह यादव का रिकार्ड तोड़ दिया था।