बदायूॅं जनमत। बदायूं लोकसभा सीट पर सियासी लड़ाई दिलचस्प हो गई है। बसपा ने इस सीट से पूर्व विधायक हाजी मुस्लिम खां पर दांव खेला है। मायावती ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। सूत्रों के अनुसार पार्टी 15 अप्रैल को प्रत्याशी के तौर पर उनके नाम पर एलान करेगी।
उसहैत विधानसभा क्षेत्र से बसपा के विधायक रहे ककराला निवासी हाजी मुस्लिम खां को बसपा ने प्रत्याशी बनाया है। चुनाव लड़ने के लिए उन्हें कह दिया गया। उनके प्रत्याशी बनाए जाने की खबर मिलते ही शनिवार को समर्थकों और बसपा पदाधिकारियों का उनके आवास पर तांता लग गया है।
इस सीट पर बसपा को लंबे समय से प्रत्याशी की तलाश थी, अब इंतजार खत्म हो गया है। वहीं सपा ने बदायूं लोकसभा से आदित्य यादव, भाजपा ने दुर्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अब बसपा ने मुस्लिम खां को टिकट दिया है। हाजी मुस्लिम खां की पैरवी बसपा संगठन के पदाधिकारियों ने की। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती से बृहस्पतिवार को उनकी मुलाकात कराई। मुलाकात के बाद उन्हें बदायूं सीट से लड़ने के लिए कहा गया।
बसपा के जिलाध्यक्ष आरपी त्यागी ने पदाधिकारियों के साथ शनिवार को उनसे मुलाकात की। बसपा के मंडलीय कोआर्डिनेटर रवि जैन और मंडल प्रभारी हेमेंद्र गौतम बरेली से आए। सभी ने उनसे मुलाकात की। चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। इसी मौके पर मुस्लिम खां ने बताया कि बहन जी ने उन पर भरोसा व्यक्त किया है। बदायूं लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए आशीर्वाद दिया है। अब वह मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। उनकी उम्मीदवारी की अधिकृत घोषणा 15 अप्रैल को मंडल कोआर्डिनेटर समशुद्दीन राइन करेंगे। वह 16 अप्रैल को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
खास खास – इक नज़र…
मुस्लिम खां पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने सियासत की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की। वह क्षेत्रीय नेता और पूर्व मंत्री बनवारी सिंह यादव के करीबी हुआ करते थे लेकिन 1996 में पूर्व मंत्री और बसपा नेता रहे भगवान सिंह शाक्य के साथ जुड़ गए। साल 2002 में पहली बार उसहैत विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुना लड़े, लेकिन जीत नहीं पाए।
वह 2007 में फिर लड़े और जीत गए। 2012 तक विधायक रहे। साल 2012 में शेखूपुर विधानसभा बनीं, यहां से बसपा ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय लड़े लेकिन हार गए। साल 2017 में चुनाव नहीं लड़े। साल 2022 में बसपा से शेखूपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। तब तीसरा स्थान रहा और 36,000 मत पाए। अब वह लोकसभा के लिए पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों के साथ मजबूत जुड़ाव उनकी जीत का आधार बनेगा।
साल 2014 में भी बसपा नेतृत्व ने उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया था लेकिन सेहत की दिक्कत थी और आपरेशन कराना पड़ा। चुनाव नहीं लड़ सके थे। तब दूसरा उम्मीदवार बनाया गया था। अब फिर से बसपा सुप्रीमो ने उन्हें टिकट दिया है।