कुल की रस्म के साथ 69वें उर्से शुजाअती का समापन, जायरीनों का उमड़ा हुजूम, दुआ को उठे हजारों हाथ

धार्मिक

बदायूॅं जनमत‌। बतारीख 9 शव्वाल मुताबिक़ 08 अप्रैल बरोज़ मंगल हज़रत किबला शाह शुजाअत अली मियां रहमतुल्लाह अलैह के दो रोजा 69वें उर्स के दूसरे और आख़िरी दिन की शुरुआत सुबह बाद नमाज़ फ़जर क़ुरआन ख्वानी से हुई। इसके बाद हुज़ूर साहिबे सज्जादा हज़रत अलहाज ग़ाज़ी मियां मद्दाज़िल्लाहुल आली की सरपरस्ती में सुबह 8 बजे एक रूहानी महफ़िल सजायी गई। महफ़िल का आगाज़ तिलावते कलामे पाक से किया गया। मौलाना सूफ़ी रिफ़ाक़त सकलैनी नईमी ने अपने ख़िताब में साहिबे उर्स हज़रत शाह शुजाअत अली मियां की हयात ए मुबारक पर रौशनी डालते हुए कहा कि हज़रत शाह शुजाअत अली मियां रहमतुल्लाह अलैह वो वली ए कामिल हैं कि आप के वालिद हज़रत शाह मौलाना शराफ़त अली मियां हुज़ूर और आप के बेटे पीरो मुर्शिद हज़रत शाह सकलैन मियां हुज़ूर अलैहिर्रहमा दोनों अल्लाह के वली हैं। इसके बाद मुफ्ती फ़हीम सक़लैनी अज़हरी ने सिलसिला ए सक़लैनिया शराफ़तिया का तआरुफ़ कराया और सिलसिले के मशाइख ए किराम के हालत व मामूलात बयान किए, हज़रत मौलाना रुम्मान सकलैनी ने अपने ख़िताब में ख़ानकाह शरीफ़ से किए जाने वाले ख़िदमते ख़ल्क़ (समाज सेवा) के कामों पर रौशनी डाली और अल्लाह वालों की बारगाह में हाज़िरी के आदाब बताए। वहीं मौलाना क़ारी अनवार मुरादाबादी, हाफ़िज़ आमिल ककरालवी, हसीब रौनक सकलैनी, अंसार झांसवीं ने नातो-मनक़बत पेश की, निज़ामत मुख़्तार सकलैनी तिलहरी ने की। वहीं वक़्त के मुताबिक़ ठीक 11 बजे कुल शरीफ़ की तक़रीब अदा की गई, कुल शरीफ़ की फ़ातिहा सज्जादनशीन हज़रत ग़ाज़ी मियां हुज़ूर ने पढ़ी।

उर्स के मौक़े पर सज्जादानशीन का पैग़ाम…

हुज़ूर फैज़ुल औलिया हज़रत शाह मोहम्मद ग़ाज़ी मियां ने आवाम को हिदायत फ़रमाते हुए कहा कि इल्म हासिल करो, दीनो-शरीयत पर अहले सुन्नत के अक़ीदे और तालीमात के मुताबिक़ अपनी ज़िंदगी गुज़ारें और तमाम मुसलमान आपस में मिलजुल कर सब्र इत्तिहाद से रहें। हमारे सिलसिले के बुजुर्गों के एहकामों पैग़ाम पर पाबंदी से अमल करें और हम सबके पीरो मुर्शिद हुज़ूर शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर अलैहिर्रहमा की पाकीज़ा हिदायात और पैग़ामात पर अमल करें। आपकी क़ौम मिल्लत के लिए जो ख़िदमात रही हैं वो जज़्बा अपने अंदर पैदा करें और क़ौम के ज़रूरतमंद बेसहारा लोगों की ख़िदमत करते रहें।

कुल के मौक़े पर ख़ुसूसी दुआएं…

कुल के मौक़े पर सज्जादानशीन ने तमाम अक़ीदतमंदों को अपनी दुआओं से नवाज़ा और हमारे मुल्क में अमन ओ सलामती, चैन ओ सुकून के लिए दुआएं कीं, कहा दुनियां में जहां जहां मुसलमान परेशान हैं, बअमनी फ़ैली हुई है अल्लाह वहां-वहां अमनों सुकून क़ायम फ़रमा और मुसलमानों में सब्र और इत्तिहाद की तौफ़ीक़ अता फ़रमा।

उर्स में देश-विदेश के ज़ायरीन की शिरकत…

उर्स में देश-विदेश से लाखों जायरीन ने शिरकत की साहिबे उर्स का रूहानी फ़ैज़ान हासिल किया। अपनी अपनी मुरादें मांगी और साहिबे सज्जादा से नेक दुआएं लीं, कुल के बाद तमाम ज़ायरीन साहिबे सज्जादा से इजाज़त लेकर अपने अपने घरों को रवाना हुए।     

हज़रत शाह सक़लैन एकेडमी की उर्स में ख़िदमात…

उर्से शुजाअती की व्यवस्थायें संभालने में हजरत शाह सकलैन एकेडमी ऑफ़ इंडिया यूनिट ककराला ने अपनी अहम ज़िम्मेदारी और ख़िदमात अदा कीं, जिनमें इंतिखाब सकलैनी (चेयरमैन), हमज़ा सकलैनी, मुंतसिब, मुनीफ सकलैनी, ग़ुलाम मुर्तुज़ा, हाफ़िज़ ग़ुलाम ग़ौस, मुस्तजाब सकलैनी, सकलैनी, हाफ़िज़ अयाज़, क़ारी मोहम्मद क़ैस, हाफ़िज़ आमिल, हाफ़िज़ सरफ़राज़, तौसीफ़ ख़ान सकलैनी, फराज सकलैनी, चाहत सकलैनी, अकबर सकलैनी, कमाल सकलैनी, असहाब सकलैनी, मुस्तफीज़ सकलैनी, मुनीर सकलैनी, इकराम सकलैनी आदि ने अपनी अहम भूमिका अदा की।     

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