बदायूँ जनमत। विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय मेडिकल कॉलेज में विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जनमानस में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रोत्साहित करना रहा।
गोष्ठी का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार ने किया, उन्होंने कहा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। हम यदि अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे सकारात्मक परिवर्तन लाएं, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों और चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे न केवल स्वयं स्वस्थ रहें, बल्कि समाज में भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
सामुदायिक चिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अर्शिया मसूद ने कहा हमें अपने साथ-साथ अपने समुदाय के स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। यह दिवस हमें इस बात पर आत्ममंथन का अवसर देता है कि हम किस प्रकार समाज के स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं। गोष्ठी के दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य, बच्चों में कुपोषण, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य जैसे ज्वलंत विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा विचार साझा किए गए। वक्ताओं ने यह भी रेखांकित किया कि केवल चिकित्सा सेवाएं ही नहीं, बल्कि सामाजिक व पारिवारिक सहभागिता भी बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉ. रितुज अग्रवाल, डॉ. रश्मि, डॉ. श्रवण भार्गव, डॉ. अमृता बाजपेई, डॉ. आशिता, डॉ. शिवम, डॉ. निशांत, डॉ. आदित्य, डॉ. गौरव, डॉ. गरिमा सहित विभिन्न विभागों के प्रतिष्ठित चिकित्सक एवं संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
