बदायूॅं जनमत। कस्बा सैदपुर की प्रसिद्ध दरगाह कुत्बे दौरां हजरत सय्यद शाह नजफ़ अशरफ रहमतुल्ला अलैह दादा मियॉं खलीफ़ा-ए-हुजूर अच्छे मियाँ महरहरवीं के 167 वें उर्स के मौके पर उलेमाओं ने तकरीर पेश की, सुबह कुल की रस्म के साथ तीन रोज़ा उर्स का समापन हुआ। इस दौरान लोगों ने गुल पोशी कर कौम व मुल्क के लिए दुआ की। साथ ही लंगर वितरण किया गया। वहीं हज़रत सय्यद अमान मियाँ का सैदपुर में जोरदार इस्तकबाल किया गया। बस अड्डे से उन्हें बग्गी में बैठा कर दरगाह शरीफ लाया गया। इस दौरान जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। बाद नमाज़ इशा जल्से का आग़ाज़ हुआ। जिसकी सरपरस्ती अल बरकात इंस्टीट्यूट अलीगढ़ के डायरेक्टर पीरे तरीक़त रहबरे शरीअत गुले गुलज़ारे बरकातीयत शहज़ादा ए हुजूर अमीने मिल्लत हज़रत सय्यद अमान मियाँ खानकाहे आलिया कादरिया बरकातिया बड़े सरकार मारहरा शरीफ की रही।
कार्यक्रम की शुरुआत तिलाबत-ए-कुराने मजीद से हाफिज नौशाद उदयपुरी ने किया। पीलीभीत से आये मौलाना अहमद रज़ा मंजरी ने तकरीर पेश करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हुजूर मोहम्मद साहब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कार्यों से प्रेरणा लेकर अल्लाह ताला के मार्ग में पुण्य कार्य करना चाहिए। सहाबिये रसूल और बुजुर्गान दीन ने समाज के लिए जो पैग़ाम दिया उस पर अमल करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों से से निजात दिलाना चाहिए। कहा हुजूर मोहम्मद साहब तालिमात के रास्ते पर जो भी चलेगा वह जिंदगी में कभी भी परेशान नहीं हो सकता, उनका बताया हुआ रास्ता इस्लाम और समाज में सर्वोच्च स्थान रखता है। अलीगढ़ अल बरकात इंस्टीट्यूट के डॉयरेक्टर मौलाना हज़रत सय्यद अमान मियां ने बेटियों की अच्छी परवरिश शिक्षा पर जोर देते हुए अपनी तकरीर में कहा अगर बेटी पढ़ी लिखी होगी तो नस्ल दर नस्ल कामयाबी की मिसाल पेश करेगी, प्यारे नबी की बेटियों की मोहब्बत और परवरिश की मिसाल पूरी दुनिया में आज भी कायम है।अल्लाह ने हमारी रहवरी के लिए अपने नेक बन्दों को इस दुनिया में भेजा हमे इनसे मुहब्बत करनी चाहिए। इनके मज़ार पर हाजरी देने से दिल को सुकून मिलता है। हमें अल्लाह और उसके रसूल के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। अंत में सलातो सलाम पेश कर सुबह कुल की रस्म अदा की गई।आस्था है की दरगाह पर जो भी मुराद लेकर आता है वह खाली नहीं जाता। उर्स के मौके पर यहाँ सभी ज़ात धर्म के लोग आकर फैज़ पाते हैं। कुल के मौके पर लोगों ने गुल पोशी कर दुआ मांगी। इस मौक़े पर मुफ्ती शाने आलम, मौलाना राहिल रज़ा, ईदगाह के इमाम मुफ्ती वाकिफ अली, मौलाना मुमताज़ हैदर, ईदगाह के पूर्व इमाम मौलाना शाने आलम खां, हाफिज अफलाक रज़ा, अंजुमन रज़ा ए मुस्तफा के सदर जाहिद हुसैन कुरैशी, अब्दुल कदीर अहमद, सिराज अहमद, सहित हाफिज लोग मौजूद रहें। वहीं कमेटी अन्जुमन दरगाह हजरत नजफ अली शाह रहमतुल्ला अलैह प्रबंध समिति की जानिव से लंगर का माकूल इंतजाम रहा। कमेटी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
