माहे रमज़ान का दूसरा अशरा भी हुआ रूखसत, तराबीह में क़ुराने पाक मुकम्मल होने का सिलसिला जारी

धार्मिक

बदायूॅं जनमत‌। माह ए रमज़ानुल मुबारक के तीसरे अशरे की 21वीं शव को कस्बा सैदपुर की मदीना मस्जिद, नूरे इलाही मस्जिद, दारूल उलूम गौसिया मस्जिद में तराबीह में क़ुराने पाक मुकम्मल हुआ। इस मौके पर मस्जिदों पर रोशनी की गई और फूलों से सज़ा गया। नमाज़ियों ने पेशे इमाम मुफ्ती शोएब रज़ा, हाफिज़ कारी नौशाद रज़ा, हाफिज हनीफ सलमानी को फूल माला पहनकर मुबारक बाद पेश की, साथ ही तोहफे भेंट किए गए। उलेमाओं ने इस शव की फजीलत वयाँ की, बताया कि 20 रमजान को फतेह मक्का की तारीख़ का दिन है। वही 21 शव हज़रत अली की शहादत का दिन है। बीस रोज़े पूरें होने के साथ दूसरा अशरा मगफिरत का रूखसत हो गया, इसके साथ ही देर शाम सूरज गुरूब होने के बाद तीसरी अशरा दोजख से निजात यानी आजादी शुरू हो गया। माहे रमजानुल मुबारक का महीना बड़ी अज़मत व बरकत का महीना है। इस माह के अव्वल दिनों में रहमत, दूसरे में मगफिरत और तीसरी में दोजख से आजादी मिलती हैं। इस मुबारक महीने की बरकत से अल्लाह तमाम गुनाह बख्श देता हैं। हमें अल्लाह की रज़ा हासिल करने के लिये इबादत व तिलावत कर गुनाह से तौवा करनी चाहिए। मिस्कीनो से अच्छा बर्ताव करें, जकात दें, झूठ, बुराई, चोरी, जिना से बचें। इसके साथ ही सलातो सलाम के बाद दुआ की गई।

जनमत एक्सप्रेस के लिए शम्स नूरी की रिपोर्ट: जनमत एक्सप्रेस।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *