बदायूॅं जनमत। शुक्रवार शाम मेडिकल कॉलेज की चार मंजिला इमारत से एक मंदबुद्धि युवती गिर गई। बड़ी बात तो यह है उसकी देखभाल के लिए वार्ड में महिला पुलिसकर्मी भी तैनात थीं। वहीं लोग इसे कालेज प्रशासन की लापरवाही मान रहे हैं। वहीं युवती कहां की है इस बात की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
बता दें विगत 14 जून को शहर के रोडवेज बस स्टैंड के पास एक मंदबुद्धि युवती घूमती हुई पाई गई। अनहोनी की आशंका पर किसी ने पुलिस को इसकी सूचना दी थी। सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी गौरव विश्नोई युवती को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। जिला अस्पताल से 14 जून की शाम को युवती को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया था। वहीं तत्कालीन थाना प्रभारी गौरव विश्नोई ने मेडिकल कॉलेज में युवती की देखभाल के लिए महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी थी।
युवती कुछ भी बता पाने में असमर्थ थी। बताया जा रहा है युवती को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहा था। कल गुरुवार को युवती की दवाई भी खत्म हो गई थी। उसकी देखभाल महिला पुलिसकर्मी ही कर रहीं थीं। मेडिकल कॉलेज स्टाफ द्वारा युवती को गुरुवार से दवाई नहीं दी गई। इस कारण वह कल से तनावग्रस्त थी। आज शुक्रवार की शाम को वह मेडिकल कॉलेज की चार मंजिला इमारत की खिड़की से नीचे गिर गई। समाचार लिखे जाने तक उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
हादसे की सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संजय कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने वार्ड में तैनात महिला कांस्टेबल और मेडिकल कॉलेज स्टाफ से जानकारी ली।
मानसिक रोगियों का वार्ड चार मंजिल पर क्यों..??
अब से पहले भी एक मानसिक रोगी की गिर कर मौत हो चुकी है इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कोई सीख नहीं ली। वहीं बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि मानसिक रोगियों का वार्ड चौथी मंजिल पर ही क्यों बनाया गया है। जबकि कालेज की लगभग पूरी बिल्डिंग खाली है।