मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति मुफ्त कानूनी सेवाएं लेने का होता है हकदार : अपर न्यायाधीश

उत्तर प्रदेश

बदायूॅं जनमत‌। उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुक्रम में उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ एवं जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार तृतीय के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जनपद न्यायालय परिसर में स्थित केन्द्रीय सभागार में लीगल सर्विस यूनिट फॉर मनोन्याय एलएसयूएम पर्सन विद मेन्टल इल्नेस एण्ड पर्सन्स इंटलेक्चुअल डिसेविल्टीज स्कीम-2024 के अन्तर्गत गठित कमेटी को विभिन्न सरकारी संस्थाओं व गैर सरकारी संस्थाओं के रिसोर्स पर्सन द्वारा दो दिवस का प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारंभ में मनोचिकित्सक, जिला पुरूष अस्पताल, डा सर्वेश कुमारी द्वारा अपने वक्तव्य में मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के अधिकार, दिव्यांग अधिकार अधिनियम पर जानकारी देते हुये बताया कि यह अधिनियम विकलांग व्यक्ति को विकलांगता के आधार पर भेदभाव के बिना किसी भी अदालत, न्यायाधिकरण, प्राधिकरण, आयोग या न्यायिक या अर्ध-न्यायिक या जांच शक्तियों वाले किसी अन्य निकाय तक पहुंचने के अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाता है आदि के विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कारापाल, जिला कारागार, कुंवर रणंजय सिंह ने अपने वक्तव्य जिला कारागार में निरूद्ध बन्दियों के विषय पर चर्चा करते हुये कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति एमएचसीए के तहत दिये गये अपने किसी भी अधिकार का प्रयोग करने के लिए मुफ्त कानूनी सेवाएं प्राप्त करने का हकदार होता है। जेल में बंद मानसिक विकार के मरीजों के लिए केन्द्रीय और जिला जेलों में बन्द बन्दियों को मानसिक विकार के प्रारंभिक उपचार की सुविधाएं, उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए, उन्हें संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत विधि के समक्ष समानता, अनुच्छेद 19 (क) के तहत विधि के समक्ष समानता, अनुच्छेद 21 के तहत प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण मिलना चाहिए, उन्हें पर्याप्त आहार स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल, स्वच्छ और स्वास्थ्यकर आवास, स्वच्छता, पर्याप्त कपड़े, बिस्तर और अन्य उपकरण मिलने चाहिए आदि से सम्बन्धित विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। बाल संरक्षण अधिकारी रवि कुमार ने अपने वक्तव्य में सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं एवं 181, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल कर लाभ लेने सम्बन्धी, घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी प्रणव पांडे ने कहा कि दिव्यांगजन शादी विवाह, प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, दिव्यांगजन पेंशन योजना, केन्द्रीय दिव्यांगजन सलाहकार बोर्ड, राज्य दिव्यांगजन सलाहकार, बोर्ड एवं सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं आदि से सम्बन्धित जानकारी दी गई। सहायक विकास अधिकारी कार्यालय जिला समाज कल्याण अधिकारी नीरज सागर ने प्रोजेक्टर के माध्यम से शार्ट व लघु चलचित्र के द्वारा नालसा की थीम ‘हक हमारा भी है” का सौन्ग प्रचालित कर कार्यक्रम में उपस्थित सभी को प्रशिक्षणार्थियों को अभिभूत किया। कार्यकम की संचालन कर्ता कशिश सक्सेना ने अपने वक्तव्य में संविधान में वर्णित अनुच्छेद-14, समानता का अधिकार, अनुच्छेद-39ए, अनुच्छेद-21 व विधिक सेवा अधिनिमय-1987 आदि के वारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश शिव कुमारी, डिप्टी चीफ एलएडीसी डॉ सत्यवीर सिंह, सम्मानित नामिका अधिवक्तागण, पराविधिक स्वयंसेवकगण आदि उपस्थित रहे।   

 

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