बदायूॅं जनमत। तीन साल की मासूम से रेप के आरोपी को कोर्ट ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास समेत दो लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। आपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस ने इस मामले में काफी तेजी से पैरवी की तो वहीं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी कोर्ट में मजबूती से अपनी बात और साक्ष्य पेश किए। मामले में सुनवाई स्पेशल जज पोक्सो एक्ट दीपक यादव की अदालत में चल रही थी। लोक अभियोजक अमोल जौहरी ने बताया कि वजीरगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली महिला की ओर से थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
सात दिसंबर 2020 को दर्ज हुई एफआईआर में बताया गया था कि दिन के तीन बजे उनकी तीन साल की बेटी घर के बाहर बच्चों के साथ खेल रही थी, अचानक बच्ची लापता हो गई। आसपास तलाश की तो पता लगा कि घर के पड़ोस में रहने वाला देवर विनोद उसे ले गया है। बच्ची की मां विनोद के ट्यूबवेल पर पहुंची तो देखा कि बच्ची के साथ रेप हुआ था। महिला को देख दरिंदा विनोद वहां से भाग निकला।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ साक्ष्य संकलित करना शुरू कर दिए। चूंकि तीन साल की बच्ची घटनाक्रम नहीं बता सकती थी। ऐसे में उसका बयान दर्ज भी नहीं हो सका। हालांकि मां का बयान पुलिस समेत अदालत ने दर्ज किया। मेडिकल रिपोर्ट में जहां रेप की पुष्टि हुई। वहीं डीएनए रिपोर्ट में भी आरोपी द्वारा रेप की पुष्टि हुई। कुल मिलाकर पीड़िता के बयान से हटकर बाकी डिजिटली साक्ष्यों के आधार पर इस मामले को लोक अभियोजक समेत पुलिस ने कोर्ट के सामने रखा। कोर्ट ने पूरा प्रकरण सुनने के बाद दोषी को उम्रकैद समेत दो लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।