बदायूॅं जनमत। ककराला स्थित मदरसा शराफतिया फ़ैजानुल कुरान मस्जिद अल्लाहबंदी में जलसा-ए-दस्तार बंदी का आयोजन हुआ। इस दौरान मदरसा से अपनी हिफ्ज की शिक्षा पूरी कर चुके 07 हाफिज-ए-कुरआन को धर्म गुरु हजरत गाजी मियां हुजूर के हाथों पगड़ी बांधी गई। बाद में उलेमाओं ने अपनी तकरीर में लोगों को कुरआन एवं हदीस की रोशनी में अपना जीवन गुजारने की सलाह दी।
इनकी हुई दस्तारबंदी…
कार्यक्रम में मुअब्बिज, मोहम्मद अजीम, मोहम्मद इस्माईल, मोहम्मद अबुजर, मोहम्मद ताजीम, मोहम्मद जीशान, मोहम्मद समीउल की दस्तार बंदी हुई। गाजी मियां ने इन सभी छात्रों को दुआएं देते हुए इनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौलाना मुख्तार अशरफ ने कहा कि कुरआन एक मुकम्मल किताब है। हम सबको अपना जीवन कैसे जीना है, यह कुरआन ने हमें बताया है। इस्लाम आपसी भाईचारा और मिलजुल कर रहने की शिक्षा देता है। इसलिए हमें हर हाल में आपसी मुहब्बत कायम रखनी चाहिए। कुरआन और हदीस की रोशनी में गुजारा गया जीवन ही सफल जीवन है। हम सबको अपने जीवन में इसकी शिक्षा को उतारने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन हाफ़िज़ जान मोहम्मद ने किया। हाफिज आमिल सक़लैनी और हसीब रौनक ने नात-ए पाक के माध्यम से कार्यक्रम में समां बांध दिया। कार्यक्रम की सदारत धर्म गुरु गाजी मियां हुजूर ने की।
अंत में कार्यक्रम के आयोजक हाफ़िज़ अरसलान, हाफ़िज़ ख़ुशनूर, हाजी दिलावर, अफगन साहब, कामरान आदि ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।