बदायूॅं जनमत। जमात ए इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मुहम्मद अहमद की अध्यक्षता में सदभावना मंच की ओर से विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसकी शुरुआत हमजा इम्तियाज द्वारा पवित्र कुरान की तिलावत से हुआ। नशा मुक्ति समाज-हमारा संकल्प के संयोजक वहाबुद्दीन ने कार्यक्रम की उद्घाटन भाषण देते हुए नशे से होने वाली हानियों पर प्रकाश डाला। वहीं रामेश्वर शाक्य ने अपने विचार व्यक्त किए, ज्ञान चंद टण्डन ने कहा नशे और भी हैं, उन्हें मिटाएं जिससे हम गले मिल सकें। अनिल यादव ने कहा कि नशे को ख़त्म करने के लिए हमें स्वयं प्रयास करना होगा। मुन्ना लाल अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ ने बताया नशा मुक्ति कैसे कराएं पवन गुप्ता अध्यक्ष बार एसोसिएशन ने कहा कि नशा मुक्त समाज बनाने की शुरुआत अपने घर से करें। डॉक्टर्स यूनियन के सचिव अजीत पाल सिंह ने कहा कि एक पल का नशा जीवन भर की सजा बन जाता है। अधिवक्ता अनवर आलम ने कहा कि सबसे खतरनाक नशा सत्ता का नशा है। यासीन अली उस्मानी ने कहा कि नशा बुराइयों की जननी है और यह हम सभी की समस्या है। शोभा फ्रांसिस ने कहा कि आज बच्चे भी नशे के आदी हो रहे हैं, इन्हें बचाने की जरूरत है। स्वर्ण लता ने कहा नशा हमारे लिए अभिशाप है, यह ऐसी बुराई है जिससे जीवन समय से पहले समाप्त हो जाता है। संदीप मिश्रा भूतपूर्व महासचिव बार एसोसिएशन ने कहा नशा मुक्त समाज बनाने के लिए स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है।
महिला शाखा पश्चिम उत्तर प्रदेश की सचिव संजीदा आलम ने कहा कि नशे की लत से कई बीमारियां होती हैं, उन्होंने कहा कि महिलाओं को नशे की लत को खत्म करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। JIH के केन्द्रीय सचिव मुहम्मद अहमद ने कहा कि अल्लाह सर्वशक्तिमान ने मनुष्य को सर्वोत्तम संरचना पर बनाया है और उसे ऐसा दिमाग दिया है कि वह बड़े और शक्तिशाली प्राणियों को अपनी उंगलियों पर नचा सकता है। जब वह बुराई से पीड़ित होता है, तो वह अपने आप को सबसे निचले स्तर से नीचे गिरा देता है। गोष्ठी का संचालन शीबा ख़ान ने किया। फरहत हुसैन ने प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। डॉ. एतिहाद आलम, इम्तियाज अहमद, सिराज अहमद, सरफराज अहमद, शादाब अहमद, अब्दुल मनान खान, नाजिम अली, शम्स आदिल, कारी मुहम्मद तय्यब, असमा इम्तियाज, आयशा खान का विशेष सहयोग रहा।