बदायूॅं जनमत। माहे रमजान की 21 वीं शब शुरू होते ही तरावीह में कुरान ए पाक मुकम्मल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिले भर की कई मस्जिदों में इस रात कुरान मुकम्मल हुआ। जिसके बाद कुरान सुनाने वाले हाफिजों को फूल मालाओं से सम्मानित किया गया। वहीं इसी दिन मौला ए कायनात हजरत अली की शहादत हुई थी। जिसके चलते हजरत अली के लिए फात्हांख्वानी कराई गई। साथ ही जगह जगह रोज़ा इफ्तार का भी आयोजन कराया गया।
कादरचौक क्षेत्र के गांव मुहम्मदगंज की जामा मस्जिद में हाफिज सैयद नूर अली उर्फ जुबैर अली ने कुरान सुनाया। वहीं दूसरी मस्जिद में हाफिज शादाब खान ने तरावीह में कुरान मुकम्मल किया। कस्बा सैदपुर की जामा मस्जिद में हाफिज शाहवाज मरकजी, नूरे इलाही मस्जिद में कारी नौशाद रज़ा, नजफशाह अशरफ दादा मियां वाली मस्जिद में हाफिज रिजवान खालिदी, दारूलउलूम गौसिया मस्जिद में हाफिज हनीफ सलमानी ने कुरान सुनाया। वहीं निजामपुर में हाफिज रिसालत ने तरावीह में कुरान सुनाया। कुरान मुकम्मल होने पर लोगों ने हाफिजों को फूल मालाएं पहनाकर सम्मानित किया। बता दें कि अधिकांश मस्जिदों में रमजान की 27 वीं शब को खत्म कुरान होता है। इसके बाद दुआ की गई। जिसमें कौम और मुल्क की सलामती की दुआ हुई। वहीं मौलाए कायनात हजरत अली की शान में तकरीर पेश की गई। कई जगहों पर रोजा इफ्तार का भी आयोजन किया गया।
