बदायूॅं जनमत। नगर पालिका परिषद में आज का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। एक ऐसा दिन, जब वर्षों से अनदेखी और उपेक्षा का शिकार रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपने अधिकार को पाकर भावुक हो उठे। उनके चेहरे पर मुस्कान थी, आंखों में सुकून और दिल में उस नेतृत्व के प्रति आभार, जिसने केवल वादा नहीं किया, बल्कि उसे पूरा कर दिखाया।
यह वादा था पूर्व मंत्री आबिद रज़ा का, जिन्होंने वर्ष 2023 में नगर पालिका चुनाव के दौरान जनसभा में स्पष्ट शब्दों में कहा था “अगर मेरी पत्नी फात्मा रज़ा चेयरमैन बनीं तो नगर पालिका के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनका वर्षों पुराना बकाया जरूर दिलाया जाएगा।” करीब 33 लाख रुपये की राशि 54 कर्मचारियों को मिली है, जिससे वह वादा एक मिसाल बन चुका है।
08 वर्षों से अटका था भुगतान, कोई सुनवाई नहीं थी…
नगर पालिका परिषद में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मचारी, जिनमें नलकूप चालक, बेलदार, इलेक्ट्रीशियन और सफाई से जुड़े कई कर्मचारी शामिल हैं। विगत आठ वर्षों से अपनी मेहनत की कमाई के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे थे। उन्होंने न जाने कितने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई थी। ज्ञापन सौंपे, प्रदर्शन किए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बकाया वेतन को लेकर उनका धैर्य टूटने लगा था, लेकिन चुनावी माहौल में जब आबिद रज़ा ने खुले मंच से यह वचन दिया कि “हम कर्मचारियों की लड़ाई लड़ेंगे और उनका हक दिलाकर रहेंगे,” तो उन्हें उम्मीद की एक नई किरण नजर आई।
चुनाव जीतते ही शुरू हुए प्रयास…
चुनाव में जीत के बाद चेयरमैन बनीं फात्मा रज़ा ने अपने पहले कार्यों में से एक के रूप में इस मुद्दे को प्राथमिकता दी। उन्होंने ना सिर्फ फाइलें खंगालनी शुरू कीं, बल्कि भुगतान की कानूनी और वित्तीय प्रक्रिया को भी गति दी। हालांकि, नगर पालिका की आर्थिक स्थिति बेहद जर्जर थी। लेकिन यहां दृढ़ इच्छाशक्ति और जनसेवा का भाव भारी पड़ा। आबिद रज़ा ने प्रशासनिक स्तर पर स्वयं लगातार फॉलोअप किया, विभागीय अधिकारियों से संवाद स्थापित किया और यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों को उनका हक मिलने में कोई अड़चन न आए।
महीनों की मेहनत के बाद फात्मा रज़ा ने दिखाया दम…
चेयरमैन फात्मा रज़ा के लिए यह एक आसान लड़ाई नहीं थी। भुगतान प्रक्रिया में वित्तीय अनुमोदन से लेकर लेखा परीक्षण तक कई स्तर की जटिलताएं थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हर स्तर पर उनकी सक्रिय भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि यह कार्य केवल फाइलों में दबकर न रह जाए।
यह कर्मचारी हुए लाभान्वित…
जिन कर्मचारियों को भुगतान मिला उनमें प्रमुख रूप से मुकेश वर्मा, संजय सिंह, देशराज, अवधेश, महेश सिंह, मुकेश सारस्वत, आज़म, आरिफ, अली अहमद, श्यामलाल, पंकज शर्मा, अमित, यशवीर, भारत सिंह, जगदीश साहू, नन्हे आलम, अनुज शर्मा, प्रवीण शर्मा, पवन पचौरी, जमील, मनोज सक्सेना, जितेंद्र, देवेंद्र, सुरेंद्र, मशरूर, ओमप्रकाश गुप्ता, नितिन, गोविंद, भगवान स्वरूप, सुशील आदि शामिल हैं।
कर्मचारियों ने जताया आभार…
भुगतान की सूचना मिलते ही कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कुछ की आंखों में खुशी के आंसू थे, तो कई ने हाथ जोड़कर फात्मा रज़ा और आबिद रज़ा को धन्यवाद कहा। एक कर्मचारी ने कहा, “हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन आबिद साहब और चेयरमैन मैडम ने साबित कर दिया कि जब नेतृत्व ईमानदार हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता।