बदायूॅं जनमत। जिला अस्पताल में भर्ती एक बुजुर्ग की 11 जून को मौत हो गई। जबकि उसका शव 16 जून तक यहां मोर्चरी में रखा सड़ गया। वजह थी कि सदर कोतवाली पुलिस ने अस्पताल का मेमो रिसीव तो कर लिया लेकिन उसके परिजनों को सूचना देने समेत पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया नहीं कराई। आज अस्पताल प्रशासन के दूसरे मेमो पर पुलिस हरकत में आई और परिजनों को बुलवाया गया।
दरअसल, जिला अस्पताल में नौ मई को एक बुजुर्ग बीमारी की हालत में भर्ती हुए थे। यहां उनका नाम-पता भी अस्पताल प्रशासन को पता नहीं था। इलाज से थोड़ी राहत मिलने पर बुजुर्ग ने अपना नाम हनीफ (60) निवासी मीरा सराय थाना कोतवाली बताया था। इस पर एडमिशन रजिस्ट्रर में उनका नाम-पता भरा गया था। इधर, 11 जून को इलाज के दौरान हनीफ ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस पर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस सूचना प्रपत्र पर सदर कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना मेमो के जरिये भेजी। वहीं शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया।
इधर मेमो रिसीव करने के बाद कोतवाली पुलिस उस शव को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया भूल गई। लापरवाही का आलम यह रहा कि 16 जून तक शव मोर्चरी के बंद बाक्स में सड़ता रहा। उसमें कीड़े पड़ गए और दुर्गंध आने लगी। आज कर्मचारियों ने मोर्चरी खोली तो उसमें भीषण दुर्गंध निकली। बाद में पता लगा कि शव की इस कुगत की जिम्मेदार पुलिस है।