बदायूँ जनमत। राजकीय मेडिकल कॉलेज में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (UPTSU), पॉपुलेशन काउंसिल लखनऊ के सहयोग से दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण का उद्देश्य मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों की पहचान कर उन्हें प्रभावी तरीके से नियंत्रित करना रहा।
प्रशिक्षण सत्र में जिला महिला चिकित्सालय बदायूं एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिसौली के चिकित्सकों ने भाग लिया। सत्र में प्रतिभागियों को मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को कम करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक उपायों, हाई-रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान, समयबद्ध रेफरल प्रणाली, तथा प्रसवोत्तर जटिलताओं की रोकथाम पर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दूसरे दिन राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार ने कहा कि “इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चिकित्सकों की क्षमता वृद्धि के साथ-साथ मातृ एवं नवजात मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में अत्यंत प्रभावी भूमिका निभाते हैं।”
प्रशिक्षण की प्रमुख वक्ता आरआरटीसी की नोडल अधिकारी एवं गायनी विभाग की प्रोफेसर डॉ सीमा सरन रहीं। उन्होंने प्रसवोत्तर रक्तस्राव के कारणों, लक्षणों व उपचार पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि “प्रसव पूर्व एवं पश्चात सघन निगरानी, जोखिमपूर्ण गर्भावस्था की समय पर पहचान एवं प्रभावी रेफरल तंत्र मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी ला सकते हैं।”
कार्यक्रम में डा. जया भारती, डा. तनवी, डा. रितु सिंह, डा. शैफाली, डा. स्वर्णिम यादव, डा. नाजिया अख्तर, डा. आकांक्षा यादव, डा. अवनी सिंह, डा. रूचि गुप्ता, डा. नीधेश गुप्ता एवं डा. मनोज गुप्ता आदि विशेषज्ञ उपस्थित रहे। 


