उम्मीद पोर्टल बना कमाई का धंधा; बदायूं में वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन के नाम पर हजारों रुपयों की वसूली

धार्मिक
बदायूॅं जनमत‌। भारत सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा उम्मीद पोर्टल 6 जुलाई, 2025 से संचालित है। इस पर वक्फ संपत्ति दर्ज कराई जा रहीं हैं। जिसकी अंतिम तिथि 5 दिसंबर है। जिसमें मात्र छह दिन शेष बचे हैं। इसके बावजूद अधिकांश वक्फ संपत्तियां पंजीकृत नहीं हो सकीं हैं। लेकिन जो लोग वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कर रहे हैं उन्होंने इसे कमाई का धंधा बना लिया है। बदायूं जिले में एक संपत्ति का पंजीकरण करने पर हजारों रुपयों की वसूली की जा रही है। परेशान लोग इस वसूली का शिकार हो रहे हैं।
बदायूं जिले में मौलाना यासीन उस्मानी की सदारत वाला इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड ऑफ इंडिया बदायूं और सहसवान में निशुल्क वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन कर रहा है। इसके अलावा सपा नेता फखरे अहमद शोबी के लोग भी बदायूं और दातागंज में निशुल्क सेवा दे रहे हैं। अधिकाश लोगों की शिकायत है कि शहर के लालपुल पर वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर हजारों रुपयों की वसूली की जा रही है। वहीं दफा 37 देने के लिए 500 से 700 रुपये वसूले जा रहे हैं। जबकि अन्य जगहों पर दफा 37 का कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है।
एक शख्स ने बताया कि लालपुल पर दफा 37 के 500 रुपये और रजिस्ट्रेशन करने के दो हजार रुपये लिये जा रहे हैं। वहीं इस्लामिक इंटेलेक्चुअल बोर्ड के कैंप में सारे काम करने पर मात्र 1100 से 1200 रुपये खर्च हो रहे हैं। लालपुर पर वक्फ संपत्ति रजिस्ट्रेशन के नाम पर हजारों रुपयों की वसूली जिले भर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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