बदायूँ जनमत। जिलाधिकारी मनोज कुमार एवं पुलिस अधीक्षक ग्रामीण द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुक्रम में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बाल श्रम रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। इस अभियान में इन्दिरा चौक, छः सड़का, जवाहरपुरी, बस स्टैन्ड के निकट एवं वाटर वर्क्स रोड आादि जगहों पर स्थित मकैनिक शॉप, आटो गैराज, ढाबे, किराना की दुकानों पर छापे मारकर कार्यवाही की गयी।
अभियान में कुल 05 बाल श्रमिकों को कार्य से मुक्त कराया गया तथा बच्चों से काम लेने वाले सेवायोजकों के विरूद्व मौके पर निरीक्षण टिप्पणी जारी कर आवश्यक कार्यवाही की गयी। बच्चों का कोविड टेस्ट, आयु परीक्षण कराया गया तथा बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सभी बाल श्रमिक खतरनाक व्यवसाय की श्रेणी में आवर्त पाये गये। दोषी पाये जाने वाले सेवायोजकों को एक वर्ष तक की सजा या 50000 जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है, इसके अतिरिक्त सेवायोजक से प्रति बाल श्रमिक 20000 की वसूली चाइल्ड लेबर वेलफेयर फण्ड हेतु प्रथक से की जायेगी।
मंत्री श्रम एवं सेवायोजन अनिल राजभर जी द्वारा उ0प्र0 को 05 वर्ष के अन्दर बाल श्रम मुक्त घोषित करने के निर्देश दिये गये है, इसी के अन्तर्गत यह छापामार कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहेगी। सभी जनपदवासियों, दुकानदार एवं व्यवसायियों से अनुरोध है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को काम पर न लगायें अपितु उन्हें स्कूल भेजने में उनकी मदद करें, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। कम उम्र के बच्चों से कार्य कराना कानूनी अपराध होने के साथ ही साथ बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिये भी खतरनाक है। अतः आप स्वस्थ समाज के निर्माण में सरकार का सहयोग करें।
बाल श्रम अभियान सतेन्द्र कुमार मिश्र, श्रम प्रवर्तन अधिकारी के नेतृत्व में संचालित किया गया टीम के साथ निरीक्षक एवं प्रभारी ए0एच0टी0यू0 वीरपाल सिंह तोमर, रामबाबू नागर, श्रम विभाग से विचित्र कुमार सक्सेना, चाइल्ड लाइन से समन्वयक कमल शर्मा, नया सवेरा से टी0आर0पी0 जीशान अंसारी, सुमित एवं नरेश राना उपस्थित रहे।