बदायूॅं जनमत। जिले की अधिकतर सड़कें और जनपदीय मार्ग गड्ढा मुक्त हो चुके हैं। शहर कस्बों से लेकर गांव देहात तक की सड़कों की सूरत बदल गई है। लेकिन शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते अधिकतर सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं। इन सड़कों पर वाहन तो छोड़िए पैदल तक नहीं निकला जाता, आए दिन राहगीर सड़कों में गिरकर चोटिल होते हैं। वहीं बारिश की चंद बूंदें गिरते ही इन सड़कों पर जलभराव हो जाता है। जिसके बाद यहां की सड़कें जानलेवा बन जातीं हैं। आज गुरूवार को शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र में गड्ढे में फंसकर एक ई-रिक्शा पलट गया। जिसके नीचे दबकर चालक की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद ग्रामीण जिम्मेदारों को कोसने लगे।
शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र के ककराला कादरचौक रोड के बीच आने वाले गांव मोहम्मदगंज, बेहटा डंबरनगर, गभ्याई मार्ग, छोटी गौरामई मार्ग, फरीदपुर मार्ग सहित ऐसे दर्जनों मार्ग हैं जिनकी सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं। ककराला से मोहम्मदगंज मार्ग की बात करें तो यहां भारी जलभराव है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण वाहन तो वाहन पैदल निकलना भी मुश्किल बना हुआ है। इसी सड़क को लेकर कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष अजीत सिंह यादव ने ककराला में धरना प्रदर्शन किया था। उस दौरान सड़क बनने का आश्वासन मिला था। लेकिन तभी उन्होंने कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बना दिया गया। जिसके बाद उन्होंने भी इस ओर मुड़कर नहीं देखा। वहीं ग्राम प्रधान से लेकर विधायक और सांसद तक अपनी जिम्मेदारी से भागते दिखाई दे रहे हैं। क्षेत्रीय सड़कों के खस्ताहाल को लेकर कोई गंभीर नहीं है।
ई-रिक्शा चालक की हुई मौत…
शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र की जानलेवा सड़कें आए दिन राहगीरों को चोटिल कर रहीं हैं। आज गुरूवार को तो एक ई-रिक्शा चालक की मौत तक हो गई। जानकारी के अनुसार गांव बादुल्लागंज निवासी खुशीराम (52) पुत्र मोहनलाल ई-रिक्शा चालक अपने परिवार का पालन पोषण करता था। रोजाना की तरह गुरुवार को भी वह ई-रिक्शा लेकर यात्रियों की तलाश में जा रहा था। इसी दौरान गांव मोहम्मदगंज के निकट ई-रिक्शा का पहिया सड़क के गड्ढे में फंसे गया। उसने पहिया निकालने का प्रयास किया, इसी दौरान ई-रिक्शा उसके ऊपर पलट गया। जिसमें दबकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

बड़ा सवाल- अनदेखी तुम्हारी और भुगते जनता…??
ऐसे हादसे होने के बाद एक बड़ा सवाल पैदा होता है। क्षेत्रीय नेताओं और विभागीय अनदेखी होने के कारण सड़कों की हालत खराब है। जिसके चलते लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। हर हादसे के बाद लोग यह कहने को मजबूत होते हैं कि जिम्मेदारों की अनदेखी का खामियाजा जनता भुगत रही है।
