बदायूं- गौशालाओं का अच्छा संचालन करने वाले यूपी दिवस में होंगे सम्मानित

उत्तर प्रदेश

बदायूँ जनमत। जनपद में निराश्रित गौवंश को संरक्षित किये जाने के संबंध में आ रही कठिनाइयोंं के दृष्टिगत जिलाधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद की 1037 ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों व नगर पालिकाओं में संचालित उन समस्त 250 गौशालाओं का निरीक्षण जनपद स्तरीय, तहसील एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से कराया गया, जिन गौशालाओं की सूचना शासन को भेजी जा चुकी है।
निराश्रित गौवंश को संरक्षित किये जाने के संबंध में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निरंकार सिंह व अन्य सम्बंधित अधिकारियों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित हुई। निरीक्षण/सर्वे के दौरान जनपद में 79 गौशालाएं अक्रियाशील पायी गयीं। जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आगामी 72 घण्टों के अन्दर सभी अक्रियाशील गौशालाओं को अनिवार्य रूप से क्रियाशील कराकर अवगत कराया जाए। पूर्व में शासन के निर्देशों के क्रम में गौशालाओं में संरक्षित प्रत्येक गौवंश हेतु 30/- की धनराशि अनुमन्य थी। माह जुलाई 2022 में शासन से निर्देश प्राप्त हुए कि राज्य वित्त आयोग की धनराशि से संबंधित क्लस्टर में आने वाली किसी भी गौशाला को संचालित करने के लिए 15 प्रतिशत तक गैप की धनराशि की प्रतिपूर्ति की जा सकती है। कतिपय कारणों से गैप की धनराशि स्वीकृत नहीं की जा सकी थी। वर्तमान में जिलाधिकारी द्वारा रूपये 18/-गैप की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है अर्थात अब गौवंश आश्रय स्थलों पर गौवंशों के भरण-पोषण हेतु प्रति पशु प्रतिदिन 48/-रू0 की धनराशि उपलब्ध रहेगी।
इस प्रकार जिलाधिकारी द्वारा विशेष प्रयास कर गौवंशों के भरण पोषण में धनराषि की कमी की समस्या का समाधान कर दिया गया है। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के जनवरी 2019 में निर्गत शासनादेश के अनुसार प्रत्येक निकाय में अस्थायी गौशाला बनाया जाना हैं किन्तु यह प्रकाश में आया है कि जनपद में ग्राम पंचायतों एवं नगर निकायों में ही गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है जबकि जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायतों द्वारा एक भी गौशाला का संचालन नहीं किया जा रहा है। तत्क्रम में जिलाधिकारी के व्यक्तिगत प्रयास से जनपद में जिला पंचायत द्वारा कुवंरगांव में भूमि का चिन्हांकन कर अस्थाई गौशाला निर्मित कर दी गयी है और इस अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल का संचालन तत्काल प्रारम्भ कराया जा रहा है। इसी प्रकार में जनपद में 15 क्षेत्र पंचायत हैं। बैठक में उपस्थित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 07 दिवस में सभी क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से कम से कम 01 अस्थायी गौवंश आश्रय स्थल का संचालन अनिवार्य रूप से प्रारम्भ करा दिया जाए। जनपद में 1037 ग्राम पंचायतें हैं, जिन्हें शासन द्वारा 286 क्लस्टरों में विभाजित किया गया है। यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि 92 क्लस्टर ऐसे हैं, जिनमें एक भी गौशाला संचालित नहीं है। इस पर जिलाधिकारी द्वारा नारा दिया गया कि ‘‘जिस पंचायत/क्लस्टर का पशु उसी पंचायत/कलस्टर में गौशाला‘‘ । इस परिप्रेक्ष्य में जिला पंचायत राज अधिकारी एवं समस्त संबंधित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 92 ऐसे क्लस्टर, जिनमें कोई भी गौशाला संचालित नहीं है, उन सभी में युद्ध स्तर पर विशेष अभियान चलाकर 03 दिवस में गौशाला का संचालन प्रारम्भ करा दिया जाए। इस प्रकार जनपद में 250 गौशालाओं के साथ-साथ 108 (92 ग्राम पंचायतों, 15 क्षेत्र पंचायातों तथा 01 जिला पंचायत द्वारा) अतिरिक्त गौशालाओं का संचालन प्रारम्भ हो जायेगा जिससे निराश्रित गौवंश को संरक्षित किये जाने की समस्या का समाधान हो जायेगा। जनपद में 05 विकास खण्डों सालारपुर, दातागंज, उसावॉ, कादरचौक एवं इस्लामनगर में ही वृहद गौवंष आश्रय स्थलों का निर्माण हुआ है। शेष 10 विकास खण्डों में इनका निर्माण नहीं हुआ है। जिलाधिकारी द्वारा समस्त संबंधित उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 120 लाख रूपये की लागत से बनने वाले वृहद गौवंश आश्रय स्थलों के निर्माण हेतु 07 दिवस में भूमि का चिन्ह्ांकन कर प्रस्ताव प्रेषित करना सुनिश्चित करें ताकि शासन को सूचना भेजकर सभी की स्वीकृति की कार्रवाई करायी जा सके। यह भी निर्देश दिए गए कि इन निर्देशों के बाद भी यदि कोई सचिव/प्रधान गौशालाओं का संचालन नहीं करेगा या उसमें लापरवाही करेगा तो संबंधित दोषी सचिव के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई तथा पंचायती राज अधिनियम में दी गयी व्यवस्था के अन्तर्गत ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक की कार्रवाई भी की जा सकती है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देषित किया गया कि आज ही ब्लाकवार/तहसीलवार प्रधानों व सचिवों की बैठक कर इस तथ्य से उन्हें स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया जाए। तत्क्रम में ब्लाकवार/तहसीलवार बैठकें भी सम्पन्न करा दी गयी हैं। ऐसे सचिव/प्रधान जिनके द्वारा अच्छे ढ़ंग से गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है, उन्हें उत्तर प्रदेश दिवस के दिन 24 जनवरी 2023 को आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जायेगा।

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