अजमेर जनमत। शहर में बुधवार को अकीदतमंद का सैलाब नजर आया। हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811 वें उर्स का झंडा असर की नमाज के बाद दरगाह के बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया। इसी के साथ उर्स की औपचारिक शुरुआत हो गई। अब चांद दिखाई देने पर 1 से 6 रजब तक उर्स का आयोजन होगा। इस दौरान जन्नती दरवाजा खोला जाएगा।
भीलवाड़ा से आए गौरी परिवार के फखरुद्दीन गौरी और सैयद मारूफ अहमद की सदारत में शाम को असर की नमाज की नमाज के बाद दरगाह गेस्ट हाउस से झंडे का जुलूस रवाना हुआ। जुलूस के आगे ढोल-ताशे और कव्वाली गाते हुए शाही कव्वाल, खादिम समुदाय, बैंड बाजे मधुर धुनें बजाते साथ चले।
जुलूस लंगरखाना गली से नला बाजार होता हुआ दरगाह के निजाम गेट में दाखिल हुआ। भीड़ झंडे को चूमने और छूने के लिए आगे बढ़ी, जिन्हें पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद नियंत्रण में लिया। बड़े पीर की पहाड़ी से तोप चलाई गई। तोपों की आवाज संग जुलूस आगे बढ़ा। शाहजहांनी गेट की छत पर शादियाने बजाए गए।
दरगाह के भीतर जाने को लेकर धक्का-मुक्की का माहौल रहा
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811 वें उर्स का झंडा बुधवार को असर की नमाज के बाद दरगाह के बुलंद दरवाजे पर सैकड़ों जायरीन व खादिमों की मौजूदगी में चढ़ाया गया। भीड़ झंडे को चूमने और छूने के लिए आगे बढ़ी, जिन्हें पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद नियंत्रण में लिया।
झंडे की रस्म और इसके बाद दरगाह के भीतर जाने को लेकर धक्का-मुक्की का माहौल रहा। जायरीन ने ख्वाजा का दामन नहीं छोड़ेंगे… जैसे नारे लगाए। झंडे के जुलूस के साथ कलंदर करतब दिखाते चले। उन्होंने तलवार की नोक से आंख निकालने, पीठ पर कोड़े बरसाने के अलावा तलवार लहराई।
गूंजी तोप, बजे शादियाने
बड़े पीर की पहाड़ी से तोप चलाई गई। तोपों की आवाज संग जुलूस आगे बढ़ा। शाहजहांनी गेट की छत पर शादियाने बजाए गए। झंडे की रस्म के साथ उर्स की औपचारिक शुरुआत हो गई। अब अकीदतमंद की आवक धीरे-धीरे बढ़ेगी। रजब का चांद दिखने के बाद उर्स विधिवत शुरू होगा। इसके साथ ही दरगाह में अकीदतमंद की संख्या बढ़ती चली जाएगी। उर्स के दौरान विभिन्न रसूमात और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
नहीं चढ़ने दिया छतों पर
पहली बार दरगाह के विभिन्न भवनों की छतें खाली नजर आई। जिला प्रशासन और पुलिस ने अकीदतमंद को छतों पर नहीं चढ़ने दिया। भवनों की छतों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए। जिला कलक्टर अंशदीप, एसपी चूनाराम जाट सहित कई प्रशासनिक और पुलिस अफसर मौजूद रहे।
यूं अंजाम दी रस्म….
5.05 बजे गौरी परिवार पहुंचा मुतव्वली साहब को लेने
5.10 बजे झंडे, मखमली चादर और गुलाब के फूलों की टोकरी पहुंचाई गई गेस्ट हाउस
5.15 बजे 8 फीट के डंडे पर झंडे को लपेटने से पहले पढ़ी फातेहा
5.20 पर जुलूस हुआ गेस्ट हाउस से रवाना
5.30 पर झंडे का जुलूस पहुंचा बुलंद दरवाजा
5.40 बजे बुलंद दरवाजे पर पहुंचा गौरी परिवार
5.45 बजे फूल माला संग फहराया झंडा