बदायूॅं जनमत। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विश्व बौद्ध पंचशील ध्वज दिवस पर बौद्ध अनुयार्यों ने डॉ. अंबेडकर पार्क निकट जिला अस्पताल में इकट्ठा होकर डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। पार्क से बुद्धिस्टों ने बौद्ध महा उपासक क्रान्ति कुमार के सानिध्य में पंचशील ध्वज को थाल में सजाकर अंबेडकर पार्क से सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल स्थित बुद्ध विहार मझिया व बुद्ध विहार पड़ौआ तक पैदल यात्रा की। पैदल यात्रा में बौद्ध अनुयाई भगवान बुद्ध की गाथाएं बोल रहे थे जगह-जगह लोगों ने पंचशील ध्वज का फूलों से स्वागत किया।पंचशील ध्वज यात्रा के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल साथ रहा। बुद्धिस्ट अनुयाई सम्राट अशोक बुद्ध पर्यटक स्थल स्थित बुद्ध विहार मझिया व बुद्ध विहार पड़ौआ पहुंचे यहां सैकड़ों लोगों ने यात्रा पर पुष्प वर्षा कर गर्म जोशी से स्वागत किया। बौद्ध महा उपासक डॉ. क्रांति कुमार के साथ बुद्धिस्टों ने वंदना, पूजा अर्चना कर बुद्ध प्रतिमा के समक्ष विश्व बौद्ध पंचशील ध्वज को बौद्ध विहारों के बिहाराधीशों के सानिध्य में अर्पण कर मानव जीवन के कल्याण के लिए मंगल कामना की। इस अवसर पर बौद्ध महा उपासक क्रांति कुमार ने बताया पंचशील ध्वज शांति, प्रेम, उत्साह, ज्ञान, सदाचार, साहस, शुद्धता और त्याग का प्रतिक है। पदयात्रा में प्रमुख रूप से राधेलाल बौद्ध, रघुवीर सिंह बौद्ध, राधेश्याम बौद्ध, चिरंजी लाल बौद्ध एड, राजीव कुमार, राधेश्याम, अरुण कुमार, चंद्र प्रकाश, नरेश पाल, ई.राधे श्याम, सोनपाल, सविता अंबेडकर, मधुबाला, पुष्पा गौतम, विनोद कुमारी आदि उपस्थित रहे।