बदायूँ जनमत। सहसवान के मुहल्ला कटरा निवासी मुहम्मद यूसुफ अंसारी (यूसुफ़ सहसवानी) का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। उन्हें मेला बाग़ कब्रिस्तान में नम आंखों के साथ सुपुर्द ए खाक किया गया। कुछ समय से वे हृदय रोग से ग्रस्त हो गए थे, बीते कुछ माह से उनका दिल्ली के राम मनोहर लोहिया में इलाज चल रहा था। दोराने इलाज ही हाई ब्लड प्रेशर होने से उनको ब्रेन हेमरेज हो गया। जिसके ऑपरेशन उपरांत वह कोमा की स्थिति में चले गए थे। बीते दिन उन्होंने अंतिम सांस ली। वह दो बार नगर पालिका परिषद सहसवान में सभासद पद पर भी आसीन रहे। समाजवादी पार्टी में भी सक्रिय रूप से कार्य करते रहते थे। उनका सहसवान के उर्दू अदब के मशहूर शायरों में शुमार होता था। उन्होंने अपने कलम से बड़े अच्छे-अच्छे कलाम लिखे, मुशायरों और नशिस्तों में बड़े अच्छे अंदाज में कलाम पढ़ते थे।
उनके आखिरी सफ़र में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। सहसवान विधायक बृजेश यादव ने कहा कि यूसुफ साहब समाजवादी विचारधारा के हमारी साथी थे। उनके यूं चले जाने से समाजवादी पार्टी की क्षति हुई है। उनको खिराज ऐ अकी़दत पेश करते हुए सपा नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य हाफिज इरफान ने भावुक होते हुए कहा कि मेंबर साहब समाजसेवी, नेता, शायर के साथ साथ एक नेक दिल इंसान थे। उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। यूसुफ़ मेंबर के घनिष्ठ मित्र सफदर खां पूर्व सभासद ने अपने मित्र के लिखे अशआर कह कर श्रद्धांजलि पेश की।
दिल पर लगी जो ठैस कभी टूट जाएंगे,
पत्थर हैं क्या जो आंख में आंसू न आएंगे।
हमको हिना की तरह हथैली में क़ैद रखना,
खुशबू है उड़ गए तो पलट कर न आएंगे।
बैठोगे जब पर समैट के शाम के क़रीब,
यह रत जगे यह लोग बहुत याद आएंगे।
उनके जनाजे में पालिका अध्यक्ष बाबर मियां, पूर्व चेयरमैन हाजी नूरुद्दीन, सपा नेता वासित हुसैन, भाजपा नेता अनुज माहेश्वरी, जितेंद्र यादव प्रधान, जुल्फिकार चच्चा सभासद, हाफ़िज़ रफीक, कारी तौसीफ़, हाफ़िज़ शाहिद सहित भारी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।