बदायूँ जनमत। स्कूल बस और कार की भिड़ंत में घायल दूसरी महिला की भी शाम को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही समेत चिकित्सा सेवाओं के बदले रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मामले की जानकारी पर सीओ सिटी आलोक मिश्रा मौके पर पहुंचे और बमुश्किल भीड़ को शांत किया। फिलहाल पुलिस ने शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया।
थाना सिविल लाइन क्षेत्र के नवादा बाईपास चौराहे पर सोमवार सुबह द्रोपदी देवी इंटर कॉलेज कि बस से इको कार टकरा गई थी। इस हादसे में 7 महिलाएं घायल हुई थी। इनमें एक महिला संगीता पत्नी योगेंद्र की बरेली ले जाते वक्त दोपहर को मौत हुई थी। जबकि बाकी की घायल महिलाओं का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। देर शाम जिला अस्पताल में भर्ती मुनीशा पत्नी अहलकार निवासी गांव बरौर थाना वजीरगंज की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप था कि मुनीशा की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, लेकिन कई बार कहने के बाद भी स्टाफ ने सुध नहीं ली और उल्टा उन्हें डांटकर भगा दिया। इतना ही नहीं जब वह घायल का एक्स-रे कराने गए तब वहां स्टाफ ने उनसे 200 रुपए वसूले थे।
मामले की जानकारी पर पहुंचे सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने सिविल लाइन्स और कोतवाली का फोर्स भी मौके पर बुला लिया। इसके बाद परिजनों को समझा कर शांत किया। यह भी कहा कि अगर किसी स्तर पर लापरवाही हुई है तो तहरीर दे शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा और उसी आधार पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी। हंगामे से कोई फायदा नहीं है। कुछ देर बाद परिजन मान गए और शव को जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया है।