जनमत एक्सप्रेस। आज शाम मग़रिब की नमाज़ के बाद लोगों ने आसमान में चांद देखने की कोशिश की। लेकिन माह-ए-रमज़ान के चांद का दीदार नहीं हुआ और न ही दिल्ली, लखनऊ, बरेली के आसपास जिलों में चांद देखे जाने की कोई इत्तेला मिली।
उधर जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां में बताया कि बरेली मरकज़ पर कही से भी चांद न देखे जाने की पुष्टि होने पर काज़ी-ए-हिंदुस्तान व दरगाह ताजुशशरिया के सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी (असजद मियां) ने ऐलान किया कि पहला रोज़ा अब 24 मार्च जुमा को होगा। वहीं जुमेरात से तरावीह की नमाज़ शुरू होगी। जो ईद के चांद रात तक जारी रहेगी।
मुफ़्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारूकी ने बताया कि मग़रिब के बाद से ही दरगाह व मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चांद देखने की कोशिश की गई। लेकिन देश की राजधानी दिल्ली, लखनऊ समेत बरेली के आसपास के किसी भी जिलों से चांद न देखे जाने की पुष्टि होने पर दरगाह आला हज़रत स्थित मरकज़ी दारुल इफ्ता पर काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ़्ती असजद मियां की सदारत में मरकज़ी रूहते हिलाल कमेटी की बैठक में ऐलान किया गया कि पहला रोज़ा 24 मार्च जुमा का होगा।
बैठक में मुफ़्ती कौसर अली, मुफ़्ती अब्दुर्रहीम नश्तर फारुखी, कारी शरफुद्दीन, मौलाना सय्यद अज़ीम, मोइन खान आदि मौजूद रहे।
