रामपुर जनमत। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान जेल से रिहा होने के बाद अपने गृह जनपद रामपुर पहुंचे। यहां पर उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया। आजम खान ने आवास पर पहुंचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कई अहम बातें कीं अपने 40 साल के राजनीतिक सफर की दास्तान सुनाई। वहीं, बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर निशाना भी साधा।उन्होंने जेल में हुई एक घटना का जिक्र भी किया, जिसमें उन्हें एक दारोगा द्वारा एनकाउंटर की धमकी दी गई थी। इसके अलावा सपा नेता ने जमानत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया।
“जिंदगी की शुरुआत हुई थी, तब भी जेल में था”- आजम
आजम खान ने बताया कि अपने राजनीतिक सफर में पहले भी वह जेल जा चुके हैं. अलीगढ़ में पढ़ाई के दौरान भी वह पौने दो बरस तक बनारस की जेल में रह चुके हैं. जिंदगी की शुरुआत हुई थी, तब भी जेल में था. अब जब जिंदगी अपने आखिरी दौर में है, तो भी जेल में था. अपने 40 साल के सियासी सफर में कभी कोई गलत काम नहीं किया. हमने अपना शहर कैसे बसाया था, देख सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सीतापुर की जेल में वह ऐसी कोठरी में रहते थे, जहां दो-तीन दिन में फांसी लगने वाली हो. लेकिन मैं जिंदा वापस आ गया हूं।
जेल में मिली थी एनकाउंटर की धमकी
सपा नेता आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि हमने सारी जमीनें खरीदी हैं. यह मामला हम हम जीत गए थे. मैं जमीन, मुल्क और कौम बेचने वाला नहीं हूं. आजम खान ने आगे कहा कि मैं कोई नेता नहीं हूं. अगर नेता होता तो यूनिवर्सिटी (मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी) नहीं बना पाता. इस दौरान उन्होंने बताया कि जेल में बयान लेने आए दरोगा ने उनसे कहा था कि आप पर कई मुकदमे हैं. इसलिए जमानत मिलने के बाद आप भूमिगत रहिएगा, वरना एनकाउंटर कराया जा सकता है।
बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर साधा निशाना
सपा नेता आजम खान ने इशारों-इशारों में अखिलेश यादव पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुझ पर, मेरे परिवार और मेरे लोगों पर हजारों की तादाद में जो मुकदमे दायर किए हैं, उसमें मैं कहूंगा कि मेरी तबाहियों में मेरा अपना ही हाथ है. मेरी दरख्त की जड़ में जहर डालने वाले लोग अपने हैं. वहीं, जेल में मुलाकात करने आए लोगों को लेकर उन्होंने कहा कि जो लोग उनसे जेल में मिलने आए, उनका शुक्रिया. जो लोग मुलाकात करने नहीं आए, उनका भी शुक्रिया।