बदायूॅं जनमत। मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान खोदे गए गड्ढे में डूबकर शनिवार को दो बच्चों की मौत हो गई। दो दिन पहले 28 जून को भी ऐसे ही हादसे में एक मासूम की जान जा चुकी है। हालांकि वो घटनास्थल इस्लामनगर थाना क्षेत्र का था। जबकि आज हुआ हादसा उघैती थाना क्षेत्र का है।
दो मासूमों की मौत से दोनों परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। इधर, आक्रोशित परिजनों ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक्सप्रेस वे पर शव रखकर जाम लगा दिया।
हादसा उघैती थाना क्षेत्र के गांव एपुरा गांव के पास हुआ। यहां रहने वाले फुरकान (10) पुत्र तसब्बर व समीर (11) शफी खेत में धान लगाने आए थे। एक्सप्रेस वे पर मिट्टी डालने के लिए खोदे गए गड्ढों में बारिश का पानी भरा था। बताया जाता है कि बच्चों का पैर फिसला और वो गड्ढे में जा गिरे। गड्ढा काफी गहरा होने के कारण दोनों डूबने लगे।
आसपास मौजूद लोगों ने बच्चों को डूबते देखा तो परिवार वालों को जानकारी दी। साथ ही गांव वाले उन्हें बचाने के लिए गड्ढे में उतर गए। तकरीबन घंटेभर तक उनकी तलाश जारी रही। इसी बीच उघैती के अलावा इस्लामनगर व बिसौली थानों की पुलिस एंबुलेंस लेकर वहां जा पहुंची। डाक्टर भी मौके पर बुला लिए गए। दोनों को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
आक्रोशित परिजनों ने एक्सप्रेस वे पर दोनों बच्चों के शव रखकर जाम लगा दिया। गांव वालों का कहना है कि पहले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई हो, इसके बाद ही शव पुलिस को सौंपे जाएंगे। मामले की जानकारी पर एसडीएम बिसौली विजय कुमार मिश्रा समेत सीओ पवन कुमार मौके पर पहुंच गए। परिजनों का सीधे तौर पर आरोप है कि ठेकेदार ने अंधाधुंध बालू खनन किया है और खेतों में गहरे गड्ढे कर दिए हैं। इन्हीं गड्ढों के कारण बच्चों की मौत हुई है। फिलहाल अफसर भीड़ को समझाने में लगे हुए हैं।