बदायूँ जनमत। आवारा पशुओं से अपनी फसलें बचाने के लिए किसानों ने नया फार्मूला अपना है। अधिकतर किसान रात को अपने खेत के चारों ओर तार लगाकर उसमें बिजली का करंट दौड़ा देते हैं। जिसकी चपेट में आकर न जाने कितने पशु पक्षी अपनी जान गवां देते हैं। तो कहीं पड़ोसी खेत का किसान भी करंट की चपेट में आ जाता है।
ऐसा ही कुछ थाना कादरचौक के गांव बेहटा डम्बरनगर में हुआ, यहां के निवासी पूर्व प्रधान मुनब्बर के भाई मुसब्बर, तसब्बर पुत्रगण दुल्हे ने अपने खेत के चारों ओर बिजली का करंट दौड़ा दिया था। वहीं गांव के ही गुफरान (50) पुत्र अब्दुल अली अपने पड़ोसी खेत में सिवाले की फसल को पानी लगा रहे थे। पानी लगता छोड़ वह रात में ही गांव लोहाठेर में एक मज़ार पर चल रहीं कव्वाली सुनने को चले गये।
सुबह तड़के वह बाइक से वापस अपने खेत पर लौट आए, जैसे ही वह खेत में घुसे तो करंट की चपेट में आ गये और तड़प तड़प के खेत पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
इसकी सूचना मिलते ही करंट दौड़ाने वाले मुसब्बर, तसब्बर ने अपना अमानवीय चेहरा दिखाते हुए मृतक गुफरान का शव उनके ही सिवाले के खेत में ड़ाल दिया।
हादसे की खबर सुनते ही गांव में अफरा तफरी का माहौल बन गया। कर कोई गुफरान को देखने के लिए उमड़ पड़ा। सूत्रों के अनुसार हादसे की जानकारी थाना पुलिस को दी गई है। लेकिन, समाचार लिखे जाने तक पुलिस नहीं पहुंची थी।